अपहरण कर रेप, फिर धर्म परिवर्तन और निकाह; पाक में ऐसी है हिंदू, सिख लड़कियों पर अत्याचार की कहानी
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में ननकाना साहिब में गुरुद्वारे पर हमले का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मुस्लिमों की भीड़ ने इसलिए गुरुद्वारे पर हमला किया, क्यों कि सिख समुदाय के लोग सिख लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध कर रहे थे। आरोप है कि मोहम्मद हसन के भाई की अगुआई में भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला किया।
ननकाना साहिब गुरुद्वारे के ग्रंथी की बेटी जगजीत कौर को नवंबर में मो. हसन नाम के मुस्लिम युवक ने अगवा कर लिया था। उसका धर्म परिवर्तन कराकर निकाह कर लिया था। लेकिन जब यह मामला बढ़ा तो पुलिस ने लड़की को वापस लौटा दिया। लेकिन हसन ने जगजीत पर फिर हमला किया, जब सिख समुदाय ने इसका विरोध किया तो मुस्लिम समुदाय की भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला कर दिया।
लगातार जबरन धर्म परिवर्तन के मामले आ रहे सामने: यह पहला मौका नहीं है जब किसी गैर मुस्लिम लड़की का धर्म परिवर्तन कराया गया हो। इससे पहले इसी साल मार्च में होली के दिन दो हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया था।
यहां 13 और 15 साल की दो लड़कियों का पहले अपहरण किया गया था, फिर उनका धर्म परिवर्तन कर, उनसे निकाह किया गया था। पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई लड़कियों के धर्म परिवर्तन के मामले आम हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ से चुने हुए प्रतिनिधि रमेश कुमार वांकवानी ने पिछले दिनों एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया था कि मियां मिठ्ठू और छोटे मदरसे हर साल हजारों लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराते हैं। जबकि कुछ लोगों का दावा है कि उन्होंने एक साल में 200 लड़कियों का धर्मपरिवर्तन कराया।
यूएन की रिपोर्ट में भी हुआ था खुलासा: पाकिस्तान में खराब हो रही धार्मिक स्वतंत्रा की स्थिति को अब संयुक्त राष्ट्र ने भी स्वीकार किया है। संयुक्त राष्ट्र ने माना है कि पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब हो रही है। वहां के हिंदू और ईसाई समुदाय सबसे ज्यादा खतरे में हैं।
इन दोनों समुदायों की महिलाओं और बच्चियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम युवकों से शादी होने के बाद उनके परिवार के पास लौटने की उम्मीद बहुत कम होती है। यूएन की कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वीमेनकी रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान सरकार अल्पसंख्यकों पर हमले के लिए कट्टरपंथी विचारों को बढ़ावा दे रही है। कमीशन ने 47 पन्नों की रिपोर्ट को 'पाकिस्तान: धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला' नाम दिया है।