International Yoga Day 2022: भारत के 7 सबसे पॉपुलर योग गुरु, जिनकी वजह से पूरी दुनिया में फैला YOGA

International Yoga Day 2022: जून की 21 तारीख को पूरी दुनिया में विश्व योग दिवस (International Yoga Day) सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया को योग के प्रति जागरुक करना है। योग के जरिए हम न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक तौर पर भी स्वस्थ रह सकते हैं। यही वजह है कि भारत ही नहीं, अब पूरी दुनिया योग के महत्व को समझ रही है। भारत में योग के कई गुरु हुए हैं, जिन्होंने इसे न सिर्फ अपने देश बल्कि सात समंदर पार विदेशों में भी फैलाया है। जानते हैं इन्हीं योग गुरुओं के बारे में। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 20, 2022 8:22 AM IST / Updated: Jun 21 2022, 10:41 AM IST
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International Yoga Day 2022: भारत के 7 सबसे पॉपुलर योग गुरु, जिनकी वजह से पूरी दुनिया में फैला YOGA

बीकेएस अयंगर : 
बीकेएस अयंगर का पूरा नाम बेल्लूर कृष्णमाचार सुंदरराजा अयंगर था। उनका जन्म 14 दिसंबर, 1918 को कर्नाटक के कोलार जिले में हुआ था। बीकेएस अयंगर दुनिया के सबसे मशहूर योग गुरुओं में से एक हैं। उन्होंने पतंजलि के योग सूत्र के आधार पर दुनिया को अयंगर योग का ज्ञान दिया। इसके साथ ही उन्होंने योग की कला को पूरी दुनिया में फैलाया। 1966 में उन्होंने योग पर एक किताब 'लाइट ऑन योग' लिखी थी। 

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तिरुमलई कृष्णामाचार्य : 
कर्नाटक के चित्रदुर्ग में 1888 में पैदा हुए तिरमलई कृष्णमाचार्य को फादर ऑफ मार्डर्न योगा भी कहा जाता है। उन्हें आयुर्वेद के साथ ही योग का गहराई से ज्ञान था। मैसूर के महराजा के शासनकाल में कृष्णमचार्य योग को बढ़ाने के लिए पूरे देश में घूमे। हठ योग को दोबारा प्रचलित करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने योग के जरिए अपनी हृदय गति को कंट्रोल कर लिया था।

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के. पट्टभि जॉयस : 
के. पट्टाभी जोईस का जन्म 1915 में कर्नाटक के हासन जिले में हुआ था। उन्हें आष्टांग विन्यास योग के लिए जाना जाता है। यह योग कोरूंता नाम के प्राचीन योग पर बेस्ड है। अष्टांग योग करीब 5 हजार साल पहले संस्कृत में लिखे गए योग सूत्र हैं। बता दें कि कई इंटरनेशनल सेलेब्स भी जोइस के आष्टांग योग के प्रशंसक रहे हैं। 

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स्वामी शिवानंद : 
स्वामी शिवानंद का जन्म 1896 में हुआ था। वो भारत के मशहूर योग गुरुओं में से एक हैं। मार्च, 2022 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया है। तीन दशक से भी ज्यादा समय तक उन्होंने काशी में गंगा नदी के तट पर योग सिखाया। इसके अलावा वो कई कुष्ठ रोगियों की भी मदद कर चुके हैं। उन्होंने दुनिया को त्रिमूर्ति योग सिखाया। इसमें हठ योग, कर्म योग और मास्टर योग का मिश्रण है। 

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महर्षि महेश योगी : 
महर्षि महेश योगी का असली नाम महेश प्रसाद वर्मा है। उनका जन्म 1918 में राजिम, छत्तीसगढ़ में हुआ था। उन्हें ट्रांसैडेंटल मेडिटेशन का फाउंडर भी कहा जाता है। महेश योगी ने पारलौकिक ध्यान योग का अध्ययन किया। इसमें आंख बंद कर मंत्र पढ़ते हुए ध्यान किया जाता है। ट्रांसैडैंटल मेडिटेशन एक ऐसा ध्यान है, जिसमें इसे करने वाला शख्स बिल्कुल दुनिया को भूल जाता है। महेश योगी ने ध्यान और योग की इस कला को पूरी दुनिया में पहुंचाया। 

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बाबा रामदेव : 
बाबा रामदेव का जन्म हरियाणा के महेन्द्रगढ़ में हुआ था। उनका असली नाम रामकिशन यादव है। उन्होंने योग की कला का पूरी दुनिया में प्रचारित किया। बाबा ने कपाल भाति और अनुलोम-विलोम जैसे योग आसनों को आम जनता तक पहुंचाया। योग के अलावा उन्होंने पतंजलि की स्थापना की। यह कंपनी आज कई आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स बना रही है, जिसे दुनियाभर में पसंद किया जा रह है। बाबा रामदेव ने पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि योगपीठ और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की स्थापना की। 

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जग्गी वासुदेव : 
जग्गी वासुदेव का जन्म 1957 में मैसूर में हुआ। उन्हें दुनिया 'सद्गुरु' के नाम से भी जानती है। उन्होंने ईशा फाउंडेशन की स्थापना की, जिसके जरिए वो पूरी दुनिया में योग का प्रचार-प्रसार करते हैं। ईशा फाउंडेशन दुनियाभर में योग के कार्यक्रम आयोजित करती है। जग्गी वासुदेव उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों को भी योग सिखा चुके हैं। उनकी संस्था कई सामाजिक सरोकार वाले अभियान भी चलाती है। इनमें कावेरी कॉलिंग, रैली ऑफ रिवर्स, इनर इंजीनियरिंग, आदियोगी : द सोर्स ऑफ योगा प्रमुख हैं। 

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