14 साल काटी जेल की सजा, दिन रात पढ़ाई कर अब डॉक्टर बना ये 'कैदी'

कर्नाटक. जेल की सलाखों के पीछे एक भयानक जिंदगी होती है। या यूं कह लीजिए कि जिंदगी के नाम पर कलंक होती है। जेल में रहने वाले कैदियों पर बहुत सी पाबंदियां होती हैं लेकिन जेल प्रसाशन उन्हें अच्छा, खाना, काम और पढ़ाई भी मुहैया करवाता है। ऐसे ही कर्नाटक का एक कैदी 14 साल जेल की सजा काटने के बाद अब MBBS की डिग्री हासिल कर डॉक्टर बन गया है। उसे अच्छे आचरण के कारण जेल से छोड़ दिया गया था तो उसने अपनी पढ़ाई पूरी करने की ठानी। बचपने में डॉक्टर बनने का सपना देखने वाला ये शख्स जेल के अंधेरे में भी अपना सपने को जिंदा रखे रहा। कभी हत्यारा कहा जाने वाला ये शख्स अब लोगों का इलाज कर जान बचा रहा है।  

Asianet News Hindi | Published : Feb 15, 2020 8:02 AM IST / Updated: Feb 15 2020, 01:38 PM IST
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14 साल काटी जेल की सजा, दिन रात पढ़ाई कर अब डॉक्टर बना ये 'कैदी'
सोशल मीडिया पर हर दूसरा शख्स इस डॉक्टर के जज्बे और जुनून की तारीफ करते नहीं थक रहा है। पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती और सपनों को पूरा करने का ऐसा जज्बा देख लोग मर्डरर से डॉक्टर बने इस शख्स को सलाम कर रहे हैं। हत्या के दोषी इस शख्स का सपना था कि वह डॉक्टर बने लेकिन किस्मत ने ऐसा पलटा खाया कि वह डॉक्टर बनने के बजाय हत्यारा बन गया था।
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इनका नाम सुभाष पाटिल जिनकी उम्र अब 40 साल हो चुकी है। वह कर्नाटक के कलबुर्गी के अफजलपुरा के रहने वाले हैं। 1997 में सुभाष ने मेडिकल पढ़ाई शुरू की थी। तब उन पर एक मर्डर के चार्जेस लगे और साल 2002 में पुलिस ने हत्या के आरोप में सुभाष को गिरफ्तार किया था। वहीं 2006 में उसे जेल की सजा सुनाई गई थी।
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सुभाष ने बताया कि, 'मैंने 1997 में MBBS में एडमिशन लिया था। लेकिन, मर्डर के केस में मुझे 2002 में जेल हो गई थी। मैं जेल की OPD में काम करता था और अच्छे आचरण की वजह से 2016 में छोड़ दिया गया था। मैंने अपना MBBS 2019 में पूरा किया।'
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हत्या के मामले में दोषी इस शख्स ने जेल से निकलने के बाद अपनी MBBS की पढ़ाई पूरी की और डॉक्टर की डिग्री हासिल की है। लोग सुभाष के इस कदम की जमकर सराहना कर रहे हैं। लोग उनके जज्बे की तारीफ कर रहे हैं साथ ही एक अपराधी से लोगों की सेवा करने के इस बदलाव को भी स्वीकार रहे हैं।
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सुभाष ने जेल से निकलने के बाद बताया कि, बचपन का सपना था कि वह डॉक्टर बने, लोगों की सेवा करें, जान बचाएं परिवार का नाम रोशन करें। जब वो जेल गए तो भी अपने सपने को नहीं भूले। जेल से छूटने के बाद सुभाष ने पुरानी गलतियों को भूलते हुए अधूरी पढ़ाई पूरी करने का फैसला किया। डिग्री लेने के लिए जरूरी इंटर्नशिप को भी पूरा कर लिया। इसके बाद अब उसे MBBS डिग्री मिलने का रास्ता साफ हो गया। वो जल्द ही डॉक्टर की कुर्सी पर बैठ लोगों का इलाज करते नजर आ रहे हैं।
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