मौत से 13 दिन पहले दहशत में निर्भया का दोषी, क्यूरेटिव पिटीशन में लिखा, सर फांसी रोक दीजिए
नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने की तारीख 22 जनवरी सुबह 7 बजे तय की गई है। तारीख तय करने से लेकर फांसी देने तक 14 दिन का वक्त है, ऐसे में दोषी विनय ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की, जिसमें 22 जनवरी को फांसी के लिए जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की गई है। 7 जनवरी को सभी दोषियों के खिलाफ डेथ वॉरंट (ब्लैक वॉरंट) जारी किया गया था।
Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2020 6:25 AM IST / Updated: Jan 09 2020, 12:21 PM IST
16 दिसंबर 2012 की रात क्या हुआ था16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप पर पूरे देश ने गुस्सा जाहिर किया। दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया।
विनय शर्मा- निर्भया का दोषी विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
मुकेश सिंह - निर्भया से गैंगरेप का दोषी मुकेश बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
अक्षय ठाकुर- यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।
पवन गुप्ता- पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।