यह है निर्भया का मुख्य दोषी, जिसने की थी गैंगरेप की शुरूआत; तिहाड़ जेल में फंदे से लटकती मिली थी लाश

नई दिल्ली. निर्भया केस में चारों दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। हालांकि अभी तीन दोषी के पास दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है, ऐसे में कयास लगाया जा रहे है कि शायद एक बार फिर से फांसी की तारीख टल जाए। गौरतलब है कि निर्भया के चार दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए दिल्ली के पटियाला कोर्ट द्वारा यह दूसरा डेथ वारंट जारी किया गया है। इससे पहले कोर्ट नें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर चढ़ाने का आदेश दिया था, लेकिन उसे टाल दिया गया। इन सब के बीच सात साल पहले 16 दिसंबर 2012 की रात हुई यह दर्दनाक घटना सभी के मन में उभर जाती है। ऐसे में हम बताते हैं कि घटना के मुख्य दोषी रहे रामसिंह के बारे में। जिसने इस पूरे घटना की पटकथा लिखी थी। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 22, 2020 11:10 AM IST

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यह है निर्भया का मुख्य दोषी, जिसने की थी गैंगरेप की शुरूआत; तिहाड़ जेल में फंदे से लटकती मिली थी लाश
राम सिंह पेशे से बस ड्राइवर था। घटना के दौरान यादव ट्रैवल्स की बस को राम सिंह ही चला रहा था। राम सिंह ने गैंगरेप करने के साथ ही दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस से पूछताछ में उसने पूरी दरिंदगी की कहानी बताई थी। जिसके बाद पुलिस ने सभी सभी दरिंदों को कोर्ट में पेश किया था। जहां कोर्ट ने सभी दरिंदों को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके बाद दोषी रामसिंह ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। (फोटो- निर्भया के दोषी रामसिंह की फाइल)
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जेल अधिकारियों के मुताबिक राम सिंह ने जेल की ग्रिल से लटक कर खुदकुशी की। उसने अपने ही कपड़ों से फांसी का फंदा बना लिया। सुबह 5 बजे राम सिंह की खुदकुशी का पता चला। राम सिंह तिहाड़ की जेल नंबर 3 में बंद था। राम सिंह गैंगरेप केस का मुख्य आरोपी था, रामसिंह तिहाड़ में लाया गया था तो कैदियों ने उसकी पिटायी की थी। वहीं, उसकी मौत के बाद मां ने आरोप लगाया था कि उसके बेटे को जेल में ही मार डाला गया था। (इसी जगह हुआ था गैंगरेप, फाइल फोटो)
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दिल्ली में गैंगरेप की घटना होने के बाद 72 घंटे के भीतर पुलिस ने सभी आरोपियों को धर दबोचा। जिसके बाद जेल के अंदर दोषी मुकेश ने बताया था कि कैसे निर्भया के साथ दरिंदगी हुई। उसने कहा था कि मैंने 15-20 मिनट गाड़ी चलाई थी। लाइटें बंद कर दी थीं। मेरा भाई मेन था यानी मुकेश सिंह। उसी ने निर्भया के दोस्त को मारा। लड़की (निर्भया) चिल्लाती रही। बचाओ-बचाओ। हम उसे मारपीट कर पीछे ले गए। हम आ जा रहे थे। बारी-बारी से। लड़की विरोध नहीं करती तो उसकी जान नहीं जाती। पूछताछ के दौरान बताया था कि निर्भया से गैंगरेप की शुरूआत रामसिंह ने ही की थी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी। (दोषियों को पेशी के लिए ले जाती पुलिस, फाइल फोटो)
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इसके साथ ही सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि घटना के दौरान जो दोषी नाबालिग था, उसने ही निर्भया से बस में चढ़ने का आग्रह किया था। हालांकि नाबालिग होने के कारण कोर्ट ने उसे तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार गृह भेजा था। दिसंबर 2015 में सजा पूरी होने के बाद वह बाहर आ गया है। (दिल्ली पुलिस की तत्कालीन डीसीपी छाया वर्मा की फाइल फोटो)
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निर्भया केस में कुल 6 दोषी थे, जिसमें से एक (मुख्य दोषी राम सिंह) ने जेल के अंदर ही आत्महत्या कर ली। एक को नाबालिग होने की वजह से 3 साल की सजा के बाद रिहा कर दिया गया। अभी चार दोषी मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी की सजा दी गई है। (इसी बस में निर्भया के साथ हुई थी दरिंदगी, फाइल फोटो)
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16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी। दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। (निर्भया के चार दोषियों की फाइल फोटो)
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