मुझे बचाओ, मेरे मुंह से खून आ रहा है...निर्भया के दोषी विनय ने ऐसे किया मौत से बचने का ड्रामा

नई दिल्ली. मौत को पास आता देख निर्भया के दोषी बचने की हर कोशिश कर रहे हैं। अभी तक तो विनय खुद को पागल बता रहा था। मां को न पहचानने की दलील दे रहा था। अब उसने नया ड्रामा किया। तिहाड़ जेल प्रशासन को बताया कि उसने पिन निगल लिया है और उसके मुंह से खून आ रहा है। यह खबर मिलने ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। तुरन्त डॉक्टर को बुलाया गया। निर्भया के दोषयों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है। लेकिन फांसी की संभावना कम ही है, क्योंकि अभी एक दोषी के पास दया याचिका का विकल्प बचा है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2020 7:26 AM IST / Updated: Feb 23 2020, 12:58 PM IST

110
मुझे बचाओ, मेरे मुंह से खून आ रहा है...निर्भया के दोषी विनय ने ऐसे किया मौत से बचने का ड्रामा
घटना की जानकारी मिलते ही तुरन्त वरिष्ठ अधिकारियों ने मेडिकल जांच कराई। विनय का एक्सरे कराया गया। हालांकि जब रिपोर्ट आई तो विनय का दावा झूठा निकला।
210
एक्सरे के बाद मेडिकल रिपोर्ट आई तो विनय की पोल खुल गई। जेल प्रशासन ने कहा, दोषी पूरी तरह से स्वस्थ है।
310
विनय ने इससे पहले भी खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। कुछ दिन पहले ही उसने दीवार में सिर पटककर खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी।
410
निर्भया के दोषियों को अच्छी तरह से पता है कि अगर वह शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक होंगे, तब ही उन्हें फांसी दी जा सकती है। ऐसे में अगर उन्हें चोट लग जाती है तो फांसी की तारीख को टालना पड़ सकता है।
510
दोषियों को फांसी तभी हो सकती है, जब वे पूरी तरह से स्वस्थ हों।
610
तिहाड़ जेल में बंद दोषियों का रोज मेडिकल चेकअप कराया जाता है। उनके खाने का भी चार्ट बनाया गया है। किसी भी तरह की बीमारी से बचाने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं।
710
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी किया है। कोर्ट के मुताबिक, दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। इससे पहले दो बार डेथ वॉरंट जारी किया जा चुका है। पहली बार फांसी की तारीख 22 जनवरी और फिर 1 फरवरी को तय किया गया।
810
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया।
910
लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया।
1010
घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।
Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos