डेथ वारंट जारी होने के बाद से बेचैन है विनय, सेल में लगाता है चक्कर; अक्षय ने कमाए सबसे अधिक रुपए

नई दिल्ली. सात साल बाद निर्भया गैंगरेप  के दोषियों को फांसी पर लटकाने की तारीख सामने आने के बाद से दोषी बचने की हर जोर अजमाइश कर रहे हैं। इन सब के बीच चार दोषियों में से सबसे छोटा दोषी विनय शर्मा सबसे ज्यादा परेशान नजर आ रहा है। इस बात का खुलासा बुधवार को आई एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में हुआ। इसमें तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि जब से दोषियों के डेथ वॉरंट जारी हुए हैं, तभी से विनय बेचैन है। वह अपनी सेल में घूमता रहता है। दोषी विनय बीते 7 साल में जेल में सबसे ज्यादा नियम तोड़ने का भी दोषी है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 16, 2020 5:02 AM IST / Updated: Jan 16 2020, 11:46 AM IST

नई दिल्ली. सात साल बाद निर्भया गैंगरेप  के दोषियों को फांसी पर लटकाने की तारीख सामने आने के बाद से दोषी बचने की हर जोर अजमाइश कर रहे हैं। इन सब के बीच चार दोषियों में से सबसे छोटा दोषी विनय शर्मा सबसे ज्यादा परेशान नजर आ रहा है। इस बात का खुलासा बुधवार को आई एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में हुआ। इसमें तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि जब से दोषियों के डेथ वॉरंट जारी हुए हैं, तभी से विनय बेचैन है। वह अपनी सेल में घूमता रहता है। दोषी विनय बीते 7 साल में जेल में सबसे ज्यादा नियम तोड़ने का भी दोषी है। 

विनय ने 11 बार तोड़ा नियम 

दोषियों को सात साल जेल में रहने के दौरान नियमों का पालन नहीं करने पर कई बार सजा दी गई। इसमें विनय को 11 बार, पवन को 8 बार, मुकेश को 3 बार और अक्षय को एक बार सजा दी गई। जेल अधिकारियों के मुताबिक, छोटी लड़ाइयां होने पर कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों से मिलने नहीं दिया जाता है। वहीं, अगर कैदी ने बड़ी गलती की हो तो उसका बैरक बदला जाता है। कभी-कभी ऐसे कैदियों को अकेले रहने की सजा भी दी जाती है। हालांकि, जेल अधिकारी सभी दोषियों की मानसिक स्थिति जानने के लिए हर दिन उनसे बात करते हैं।

दिल्ली सरकार की दलील, 22 को नहीं दी जा सकती फांसी

वहीं, अगर कैदी ने बड़ी गलती की हो तो उसका बैरक बदला जाता है। कभी-कभी ऐसे कैदियों को अकेले रहने की सजा भी दी जाती है। हालांकि, जेल अधिकारी सभी दोषियों की मानसिक स्थिति जानने के लिए हर दिन उनसे बात करते हैं। कोर्ट द्वारा डेथ वारंट जारी होने के बाद चार दोषियों विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह (31), मुकेश कुमार सिंह (32) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दिया जाना है। इन सब के बीच बुधवार को दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को सूचना दी कि दोषियों को तय समय पर फांसी नहीं दी जा सकेगी, क्योंकि दोषी मुकेश ने दया याचिका दाखिल कर दी है। वहीं, इससे पहले अक्षय ने भी क्यूरेटिव पीटिशन दाखिल की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

पटियाला कोर्ट में आज होगी सुनवाई 

निर्भया के दोषी मौत से बचने के लिए तमाम कोशिशे कर रहे हैं। लागातार मौत की तारीख को टालने के लिए कानून दांव पेंच का प्रयोग कर रहे है। इन सब के बीच दोषी अक्षय ने डेथ वारंट को रद्द करने की मांग की है। जिसके लिए दोषी ने पटियाला कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करने के लिए नोटिस जारी की है। इस याचिका पर पटियाला कोर्ट आज सुनवाई करेगा।

क्या है पूरा मामला 

16 दिसंबर 2012 को नर्सिंग की छात्रा निर्भया से छह दोषियों ने गैंगरेप और दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया था। जिसमें सिंगापुर में इलाज के दौरान बुरी तरह से जख्मी निर्भया की मौत हो गई थी। मामले के दोषियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां दिल्ली के एक ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट के इस फैसले पर दोषियों ने हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। लेकिन दोनों कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। इन सब के बीच रेप के एक दोषी ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जबकि एक दोषी नाबालिग होने के कारण सुधार गृह में बंद होने के बाद बाहर आ गया है। जबकि चार अन्य दोषियों को फांसी पर लटकाया जाना है।

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