बेटी के लिए इंसाफ की जंग, 7 साल बाद मां की हुई जीत, लेकिन दोषियों के वकील झल्ला क्यों गए

नई दिल्ली. निर्भया (nirbhaya) से दरिंदगी के चारों आरोपियों की मौत की नई तारीख तय हो गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे चारों को फांसी देने का वक्त तय किया है। कोर्ट के आदेश के बाद निर्भया की मां ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अबकी बार उम्मीद है कि यह डेथ वॉरंट फाइनल होगा, क्योंकि चारों आरोपियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 5, 2020 11:30 AM IST / Updated: Mar 05 2020, 05:13 PM IST

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बेटी के लिए इंसाफ की जंग, 7 साल बाद मां की हुई जीत, लेकिन दोषियों के वकील झल्ला क्यों गए
"फांसी होने तक हम लड़ते रहेंगे"- निर्भया (nirbhaya) की मां आशा देवी ने कहा, आज चौथा डेथ वारंट जारी हो गया। अब उम्मीद है कि ये डेथ वारंट फाइनल हो, उसी तारीख पर इनको फांसी हो और निर्भया को इंसाफ मिले। जब तक उनको फांसी नहीं होती है तब तक हम हर पल लड़ने के लिए तैयार हैं, क्योंकि जब तक उनको फांसी नहीं होगी वो नया पैतरा करेंगे।
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निर्भया (nirbhaya) की मां आशा देवी 7 साल से ज्यादा वक्त तक बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ती रहीं।
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फांसी से बचने का क्या है आखिरी विकल्प?- दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि अभी भी अक्षय की दूसरी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि शायद 20 मार्च को भी फांसी की तारीख टल जाए।
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निर्भया के वकील सीमा कुशवाहा ने कहा, दोषियों के सारे पैंतरे खत्म हो गए हैं। अब दोषियों को फांसी होकर रहेगी।
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निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, यदि मौका मिला तो दोषियों को मरते देखना चाहूंगी।
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जब तक केस चला, तब तक निर्भया के मां-पिता के ऊपर हुआ टॉर्चर- कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने कहा, निर्भया के माता-पिता पर जो बीती है उसका आज अंत हुआ। जब तक ये केस चल रहा था तब तक उनके ऊपर टॉर्चर हो रहा था। निर्भया केस से एक अहम मुद्दा सामने आया है कि हम ट्रायल तो टाइम बाउंड कर लेते लेकिन अपील में बहुत वक़्त लग जाता है। इसका रिव्यू होना चाहिए।
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"निर्भया के दोषी आतंकी नहीं हैं"- निर्भया (nirbhaya) केस में दोषियों को फांसी की तारीख तय होते ही वकील एपी सिंह (ap singh) कोर्ट के बाहर मीडिया के सामने चींख पड़े। उन्होंने कहा कि ये दोषी आतंकवादी नहीं हैं जो इन्हें मारना चाहते हैं। एपी सिंह ने कहा, तीन बार पहले भी उन्हें फांसी दे चुके हैं और कितनी बार उनको फांसी दोगे।
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एपी सिंह ने कहा, मुझे डराया जा रहा है- कोर्ट के फैसले के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह (ap singh) ने कहा कि मुझे डराया जा रहा है। बता दें कि कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एपी सिंह से कहा था कि आप आग से खेल रहे हैं सतर्क रहिए। एपी सिंह ने इसी का जिक्र किया। उन्होंने पूछा कि क्या कानूनी विकल्प का इस्तेमाल करना गलत है।
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कौन हैं निर्भया के चारों दोषी?- निर्भया (nirbhaya) के पहले दोषी का नाम अक्षय ठाकुर है। यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है। दूसरे दोषी को नाम मुकेश सिंह है। यह बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था। तीसरा दोषी पवन गुप्ता है। पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। चौथा दोषी विनय शर्मा है। विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्‍महत्‍या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
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क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड?- दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।
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