'लग रहा था जानवरों के पास से आ रही है बेटी, सभी अंदरूनी अंग निकाल लिए थे, पानी भी नहीं पिला सकी'

नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने की तारीख को 2 बार टाला जा चुका है। अगली तारीख तक कोर्ट ने फांसी को अनिश्चत काल के लिए टाल दिया है। इस फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा था कि उन्हें बार-बार दोषियों के सामने झुकाया जा रहा है। दोषियों के वकील उन्हें चैलेंज करते हैं कि उन्हें कभी भी फांसी नहीं होने देंगे। ऐसे में निर्भया की मां का दर्द समझा जा सकता है। 7 साल से उन्होंने दोषियों को मौत दिलाने के लिए कोर्ट के चक्कर काटे हैं। उन्होंने एक मीडिया संस्थान में बात करते हुए बताया कि आखिर वह रात कैसी थी, जब उन्हें पता चला था कि बेटी के साथ दरिंदगी हुई है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 3, 2020 12:49 PM IST / Updated: Feb 07 2020, 11:51 AM IST
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'लग रहा था जानवरों के पास से आ रही है बेटी, सभी अंदरूनी अंग निकाल लिए थे, पानी भी नहीं पिला सकी'
मौत से बचने के लिए दोषियों के पास कितने विकल्प? : दोषी मुकेश और विनय की सुप्रीम कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद रिव्यू, क्यूरेटिव और फिर दया याचिका खारिज हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में रिट डालने का अधिकार हमेशा रहता है। अक्षय की रिव्यू और क्यूरेटिव खारिज हो चुकी है, लेकिन दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है। पवन की क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका दोनों ही बची है।
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निर्भया की मां आशा देवी पांडे ने बताया कि जब उन्हें पुलिस ने पहली बार फोन किया तो उन्हें लगा कि मामली एक्सीडेंट हुआ है। बेटी जल्द ही ठीक हो जाएगी। कोई बड़ी बात नहीं है।
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निर्भया की मां जब अस्पताल पहुंची तो बेटी की हालत देखकर दंग रह गईं। उन्होंने बताया, जब मैं बेटी को देखने के लिए अस्पताल पहुंची तो दंग रह गई। कोई जानवर भी कहीं ज्यादा दया दिखाता।
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निर्भया की मां ने बताया, दरिदों ने इतनी ताकत से उसके बाल खींचे थे कि गर्दन के पास उसके सिर की चमड़ी उखड़ गई थी।
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आशा देवी पांडे ने बताया कि बेटी के गालों पर काटे जाने के निशान थे।
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निर्भया के होंठों पर केवल खून ही खून दिखता था।
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'उन लोगों ने उसकी जांघों पर लोहे की छड़ से इतना मारा था कि जांघें बुरी तरह सूज गई थीं'
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