तिहाड़ जेल पहुंचा जल्लाद पवन, निर्भया के दरिंदों की डमी को फांसी देकर किया ट्रायल

नई दिल्ली. निर्भया केस में पटियाला कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वारंट पर रोक लगा दी। निर्भया के दोषियों को 3 मार्च को फांसी होनी थी। कोर्ट ने अपने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगाई है। इससे पहले पटियाला कोर्ट ने 22 जनवरी और 1 फरवरी के अपने डेथ वारंट पर रोक लगाई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी। इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेजी गई, यह भी खारिज हो गई।

Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2020 11:33 AM IST / Updated: Mar 02 2020, 06:02 PM IST
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तिहाड़ जेल पहुंचा जल्लाद पवन, निर्भया के दरिंदों की डमी को फांसी देकर किया ट्रायल
हालांकि, इससे पहले जल्लाद पवन भी तिहाड़ जेल पहुंच गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उसने निर्भया के दरिंदों की डमी बनाकर ट्रायल भी किया।
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पवन के मुताबिक, फांसी से पहले डमी का ट्रायल किया जाता है। इसमें एक बोरे में छोटे-छोटे दोषी के वजन के बराबर पत्थर भर लिए जाते हैं। फिर उसे बांध दिया जाता है और फंदा लगा दिया जाता है।
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तख्ते पर रखकर जैसे ही हमें उसे लटकाने का निर्देश होता है तो हम फांसी दे देते हैं। इसी तरह असली फांसी में भी किया जाता है।
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जल्लाद मुजरिम के सिर पर काला कपड़ा डालता है और अपनी प्रार्थना पढ़ता है। तयशुदा वक्त पर जैसे ही जल्लाद के हाथों लीवर खींचा जाता है, मुजरिम फांसी पर लटक जाता है।
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पवन के मुताबिक, वह अपने दादा कालूराम के साथ पांच फांसियों में जा चुका है। उसके दादा ने ही उसे अपने पुश्तैनी काम की ट्रेनिंग दी थी। पवन के मुताबिक अपने दादा के साथ वह जिन पांच फांसियों में रहा है उसमे से 3 रेप के दोषियों की फांसी थी।
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इसमें पहली फांसी साल 1988 में आगरा के डिस्ट्रिक्ट जेल में रेप के दोषी की फांसी, साल 1988 में ही इलाहाबाद में रेप के दोषी को फांसी और साल उसी साल जयपुर में रेप के आरोपी की फांसी की सजा शामिल है।
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इसके अलावा दिल्ली के तिहाड़ जेल में 1987 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी व पटियाला में प्रॉपर्टी के लिए अपने सगे भाई बहनो को मौत के घाट उतारने वाले दो भाइयों को फांसी देने में वह अपने दादा के साथ था।
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जल्लाद पवन को मिलेंगे कितने रुपए?: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल्लाद पवन को हर एक दोषी को फांसी देने में 15 हजार रुपए मिलेंगे। यानी चारों दोषियों को फांसी देने पर उसे 60 हजार मिलेंगे।
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16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी।
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दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे। इसके बाद निर्भया का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चला था। जहां से उसे सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
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