Published : Jan 03, 2020, 03:53 PM ISTUpdated : Jan 03, 2020, 04:04 PM IST
मुंबई. साल 2019 के आखिरी दिन महाराष्ट्र के सतारा में रहने वाले नायक संदीप रघुनाथ सावंत एलओसी पर शहीद हो गए। दो दिन बाद उनका शव उनके घर पहुंचा। शहीद का अंतिम संस्कार हुआ, जिसकी तस्वीरें देखकर किसी भी देशवासी को गर्व होगा। तस्वीरों में दिख रहा है कि किस तरह गांव के लोग तिरंगे में लिपटे शहीद के शव को छू लेने भर के लिए व्याकुल हैं। शहीद की आखिरी विदाई में हजारों लोग दिख रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गांव के लोग बस यही कह रहे थे कि हमें एक बार बस हमारे गांव के शहीद बेटे को शव को छू लेने दो।
अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध आतंकवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद सेना ने तलाश अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि घुसपैठियों ने सैनिकों पर गोलीबारी शुरू कर दी और भीषण मुठभेड़ के दौरान दो जवान शहीद हो गए।
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सावंत हाल ही में एक बेटी के पिता बने थे। बच्ची के नामकरण संस्कार के लिये घर आए थे। उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले ही वह अपनी ड्यूटी पर लौटे थे।
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शहादत के एक दिन पहले सावंत ने अपने बड़े भाई से बात की थी।
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तस्वीरों में दिख रहा है कि किस तरह गांव के लोग तिरंगे में लिपटे शहीद के शव को छू लेने भर के लिए व्याकुल हैं।
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जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के समीप बुधवार को भारी संख्या में हथियारों से लैस पाकिस्तानी घुसपैठियों के साथ मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए।
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अधिकारी ने शहीद सैनिकों की पहचान नायक संदीप रघुनाथ सावंत (29) और राइफलमैन अर्जुन थापा मगर (25) के रूप में की। सावंत महाराष्ट्र के सतारा जिले के मुंडे-करहड़ गांव के रहने वाले थे। वह अपने पीछे पत्नी स्मिता सावंत को छोड़ गए हैं।
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हाल ही में बने थे बेटी के पिता : शहीद सैनिक के एक रिश्तेदार के मुताबिक, सावंत हाल ही में एक बेटी के पिता बने थे। बच्ची के नामकरण संस्कार के लिये घर आए थे। उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले ही वह अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। शहादत के एक दिन पहले सावंत ने अपने बड़े भाई से बात की थी।
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गांव में शोक की लहर : महाराष्ट्र के सतारा जिले के मुंढे गांव के रहने वाले भारतीय सेना में नायक संदीप रघुनाथ सावंत के शहादत की खबर से गांव में शोक की लहर है।
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अधिकारियों ने बताया कि इलाके में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार 2018 में जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों के दौरान 83 सुरक्षा बलों ने अपनी कुर्बानी दी।
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जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के समीप बुधवार को भारी संख्या में हथियारों से लैस पाकिस्तानी घुसपैठियों के साथ मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए।