पेशाब भरी बोतल फेंकने के आरोप में जमातियों पर FIR, क्वारेंटाइन सेंटर स्टाफ ने कहा, हेल्थ वर्कर्स पर थूका था

नई दिल्ली. निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात मरकज की लापरवाही की वजह से देश के करीब 15 राज्यों में कोरोना संक्रमण का खतरा और भी बढ़ गया। इस बीच दिल्ली के द्वारका स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में जमातियों पर आरोप लगे कि उन्होंने पेशाब भरी बोतल फेंकी। वहीं बक्करवाला सेंटर में जमातियों पर आरोप लगे कि उन्होंने मेडिकल स्टाफ पर थूका। अब इन दोनों मामलों में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। द्वारका में क्वारेंटाइन सेंटर पर तैनात सिविल डिफेंस के स्टाफ को पंप हाउस की छत पर पेशाब से भरी 3 बोलतें मिली थीं। हालांकि अभी तक इस मामले की अब तक कोई तस्वीर सामने नहीं आई है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 9, 2020 9:37 AM IST / Updated: Apr 09 2020, 03:24 PM IST

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पेशाब भरी बोतल फेंकने के आरोप में जमातियों पर FIR, क्वारेंटाइन सेंटर स्टाफ ने कहा, हेल्थ वर्कर्स पर थूका था
द्वारका में 198 और बक्करवाला में 120 जमाती क्वारेंटाइन- तब्लीगी के लोगों द्वारा डॉक्टर्स के साथ बतदमीजी का भी मामला सामने आया था। अब इस मामले में द्वारका सेक्टर 16 में 198 और बक्करवाला में 120 जमातियों को क्वारंटाइन किया गया है।
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21 हेल्प वर्कर्स कोरोना पॉजिटिव- दिल्ली में एक डॉक्टर, एक नर्सिंग स्टाफ सदस्य और दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में एक सफाई कर्मचारी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। कुल 21 हेल्प वर्कर्स का टेस्ट पॉजिटिव आया है। अस्पताल के 45 कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन किया है।
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दिल्ली में कोरोना के 20 हॉटस्पॉट- मयूर विहार के वर्धमान अपार्टमेंट को सील कर दिया गया है, यहां सुरक्षा बल भी तैनात किए गए हैं। वर्धमान अपार्टमेंट को मिलाकर राजधानी दिल्ली में कुल 20 हॉटस्पॉट हैं, जिन्हें सील किया गया है।
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दिल्ली में 669 कोरोना पॉजिटिव- दिल्ली में आज 93 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, अब दिल्ली में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या बढ़कर 669 हो गई है। अब तक 9 मौतें हुई हैं।
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मास्क लगाना बेहद जरूरी: केजरीवाल- अरविंद केजरीवाल ने कहा, चेहरे पर मास्क पहनने से कोरोना वायरस के प्रसार को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए घर से बाहर निकलते समय चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। आप क्लॉथ मास्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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मरकज तब्लीगी जमात क्या है?: मरकज तब्लीगी जमात में तीन शब्द हैं। मरकज का अर्थ होता है मीटिंग के लिए जगह, तब्लीगी का मतलब होता है अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला और जमात का मतलब है समूह। यानी अल्लाह की कही बातों का प्रचार प्रसार करने वाला समूह। तब्लीगी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं।
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तब्लीगी जमात की शुरुआत इस उद्देश्य के लिए की गई थी कि मुसलमानों को धर्म में बनाए रखा जाए और इस्लाम का प्रचार-प्रसार और उसके बारे में जानकारी दी जा सके।
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तस्वीर में दिख रही बिल्डिंग निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात का हेड ऑफिस है। यहीं पर जमात के लोग रुके हुए थे।
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मीडिया रिपोर्ट को माने तो इस जमात के करीब 15 करोड़ सदस्य दुनियाभर में हैं। 20वीं सदी में इस जमात को सबसे बड़ा और अहम आंदोलन माना गया था।
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भारत में कब हुई शुरुआत? : भारत में यह जमात 1927 में शुरू हुई। मुहम्मद इलियास अल-कांधलवी ने इसकी शुरुआत की। एशिया में इसे मानने वाले लोग सबसे ज्यादा हैं। भारत में पहली बार यह हरियाणा के नूंह जिले में इस जमात की शुरुआत हुई। दिल्ली के निजामुद्दीन में इसका मुख्यालय है।
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इस जमात की पहली मीटिंग 1941 में हुई थी। 1927 में बने इस जमात को पहली मीटिंग करने में 14 साल लगे। पहली मीटिंग में करीब 25 हजार लोग इकट्ठा हुए। धीरे धीरे इस जमात से दुनिया के कई देशों के मुस्लिम शामिल होने लगे और हर साल इसका कार्यक्रम होने लगा।
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इस जमात की सबसे बड़ी मीटिंग बांग्लादेश में होती है। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान में भी इसका आयोजन होता है। इस जमात के सालाना कार्यक्रम में दुनिया के कई देशों के मुस्लिम शामिल होते हैं।
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यह द्वारका स्थित क्वारेंटाइन सेंटर के बाहर की तस्वीर है। यहीं पर जमातियों द्वारा बोतल में पेशाब भरकर फेंकने की शिकायत मिली थी।
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क्या है निजामुद्दीन मरकज तब्लीगी जमात मामला?- निजामुद्दीन में 1 से 15 मार्च तक तब्लीगी जमात मरकज का जलसा था। यह इस्लामी शिक्षा का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र है। यहां हुए जलसे में देश के 11 राज्यों सहित इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से भी लोग आए हुए थे। यहां पर आने वालों की संख्या करीब 5 हजार थी। जलसा खत्म होने के बाद कुछ लोग तो लौट गए, लेकिन लॉकडाउन की वजह से करीब 2 हजार लोग तब्लीगी जमात मरकज में ही फंसे रह गए। लॉकडाउन के बाद यह इकट्ठा एक साथ रह रहे थे। तब्लीगी मरकज का कहना है कि इस दौरान उन्होंने कई बार प्रशासन को बताया कि उनके यहां करीब 2 हजार लोग रुके हुए हैं। कई लोगों को खांसी और जुखाम की भी शिकायत सामने आई। इसी दौरान दिल्ली में एक बुजुर्ज की मौत हो गई। जांच हुई तो पता चला कि वह कोरोना संक्रमित था और वहीं निजामुद्दीन में रह रहा था। तब इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।
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