बिहार में साल 1901 के बाद रिकॉर्ड बारिश, सड़कों पर चली नाव; अब तक 29 लोगों की मौत
देश भर में जारी भारी बारिश से जन जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले कई दिनों से बिहार में हो रही मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। बाढ़ और बारिश के चलते राज्य में अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि सितंबर के महीने में मॉनसून की जोरदार बारिश ने 102 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक देशभर में सितंबर में औसत बारिश 247.1 मिलीमीटर हुई जो सामान्य से 48 फीसदी अधिक और 1901 के बाद रिकॉर्ड बारिश है। भारी बारिश के चलते कई ट्रेनें भी रद्द की गई हैं।
बाढ़ के कहर से कई बस्तियों और मकानों की पहली मंजिल पूरी तरह पानी में डूब गई हैं। बरसात की वजह से लोगों की जिंदगी बदतर हो गई है। चारों तरफ से पानी ही पानी है। जिससे लोग काफी परेशान हैं। बारिश और बाढ़ की आफत में लोगों का घर से निकलना मुश्किल है।
बिहार में हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बिहार के 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पटना और दरभंगा में प्रशासन ने बारिश के भारी अलर्ट को देखते हुए सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश दिया।
बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। साथ ही प्रशासन का कहना है कि बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
बारिश इतनी जोरदार हो रही है कि गली, मोहल्ले, स्कूल-कॉलेज, सड़क, बाजार से शोरूम तक के अंदर पानी घुस गया है। पटना में जलजमाव से प्रभवित लोगों की मदद के लिए बिहार सरकार ने गृह मंत्रालय से 2 हेलिकॉप्टर की और कोल इंडिया से जल जमाव को निकालने के लिए पम्प की भी मांग की है।
पटना में बाढ़ से कई इलाकों में मकानों की पहली मंजिल आधे से ज्यादा डूब चुकी है। इसी बीच पटना के कदम कुआं इलाके से हाईकोर्ट के जज साहब और उनके परिवार का रेस्क्यू करना पड़ा।