नई दिल्ली. ये तस्वीरें भारत; खासकर दक्षिण भारतीय राज्यों और पड़ोसी देश नेपाल में आई भयंकर बाढ़(floods) के हालात दिखाती हैं। वर्ष, 2021 इस बाढ़ के लिए भी याद किया जाएगा। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, ओडिशा के अलावा महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में बाढ़ ने जो विकराल रूप दिखाया, उसने मौसम विज्ञानियों(meteorologists) को चिंता में डाल दिया है। पिछले दिनों एक अमेरिकी खुफिया आकलन ने भारत और पाकिस्तान की पहचान उन 11 देशों में की है, जो जलवायु परिवर्तन(Climate change) के कारण होने वाले पर्यावरणीय और सामाजिक संकटों का सामना करने तैयार नहीं है। दुनियाभर का तापमान पिछले 150 सालों में 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। लेकिन चिंता की बात यह है कि इस सदी के अंत तक इसके 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की आशंका है। दक्षिण ध्रुव के ऊपर ओजोन परत में हर साल बढ़ रहा छेद अंटार्कटिका से भी बड़े आकार हो चुका है। डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण बढ़ने और क्लाइमेट चेंज के कारण भारत में हर साल भीषण गर्मी से 83700 लोगों को जान गंवानी पड़ती है। जबकि ठंड से 6.55 लाख लोग मारे जाते हैं। अगर बाढ़ की बात करें, तो बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, असम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हर साल भयंकर बाढ़ आती है। बाढ़ से दुनियाभर में होने वालीं कुल मौतों में से 20 प्रतिशत अकेले भारत का है।