लद्दाख : क्या गलवान घाटी से पीछे हट रही चीनी सेना, ताजा सैटलाइट तस्वीरों में हुआ ये खुलासा

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा को लकर 2 महीने से विवाद चल रहा है। 15 जून को यह हिंसक झड़प में बदल गया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच गया था। आखिरकार चीन पीछे हटने को तैयार हो गया। अब ताजा सैटलाइट तस्वीरों में साफ हो गया है कि चीन ने दोनों देशों के बीच हुई शीर्ष स्तर की बातचीत के बाद अपने कदम पीछे करना शुरू कर दिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 7, 2020 3:04 PM IST / Updated: Jul 07 2020, 09:14 PM IST

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लद्दाख : क्या गलवान घाटी से पीछे हट रही चीनी सेना, ताजा सैटलाइट तस्वीरों में हुआ ये खुलासा

अमेरिका की स्पेस टेक्नॉलजी कंपनी Maxar ने गलवान घाटी की ताजा सैटलाइट तस्वीरें जारी की। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि चीन ने जहां सेना तैनात कर रखी थी, वहां से पीछे हटना शुरू कर दिया है। इन तस्वीरों को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनालिस्ट डिट्रेस्फा (Detresfa) ने ट्वीट किया है। (28 जून को यहां तैनात थी सेना)

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बातचीत के बाद हटने को तैयार हुए दोनों देश
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रविवार को वीडियो कॉल पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की थी। दोनों के बीच दो घंटे चली बातचीत में स्थाई तौर पर शांति लाने और भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों, इस पर भी चर्चा हुई। बातचीत के दौरान दोनों देश पीछे हटने को तैयार हो गए थे। (फोटो- 06 जुलाई)
 

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पैंगोंग में जारी है विवाद
गलवान में रविवार को ही चीन ने अपने तंबू हटाने शुरू कर दिए। वहीं, सोमवार को दोनों देशों ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग में मूवमेंट किया। हालांकि, अभी भी पैंगोंग में विवाद शांत नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि चीन फिंगर 4 के आसपास ढेरा डाले हुए है। यहां भारत और चीन के सैनिक आमने सामने है। 
 

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चीन ने रखी शर्त
चीन ने भारत के सामने शर्त रखी है कि दोनों देश 2-3 किमी तक बफर जोन बनाएं। यानी दोनों देश 1-1.5 पीछे हटें। हालांकि, भारत ने इससे इंकार कर दिया। भारत का हमेशा फिंगर 4 तक कंट्रोल रहा है। 

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गलवान में 3.5 से 4 किमी तक बफर जोन घोषित 
सैन्य सूत्रों के मुताबिक, गलवान में झड़प की जगह के आसपास 3.5-4 किमी बफर जोन घोषित किया गया है। इसलिए गलवान में दोनों देशों की तरफ से 30 से ज्यादा सैनिक तैनात नहीं कर सकेंगे। दोनों देशों के सैनिकों के बीच 3.6 से 4 किमी की दूरी होगी।

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इस बफर जोन के बाद 1-1 किमी तक दोनों देश 50-50 सैनिक तैनात रह सकते हैं। यानी कुल 6 किमी तक एक देश 80 से ज्यादा सैनिक तैनात नहीं रहेंगे। 

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