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कोर्ट की अनुमति के बाद मंगलवार को आफताब अमीन पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। जिस फ़्लैट में दोनों रहते थे, वहां से पुलिस को खून के धब्बे सहित और कई सबूत मिले हैं। कोर्ट ने उसकी पुलिस रिमांड 4 दिनों के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले पूनावाला ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उसने यह हत्या गुस्से में आकर की। वहीं, आरोपी के वकील अविनाश कुमार ने तर्क दिया कि ऐसा उसने जानबूझकर नहीं किया था। सूत्रों ने कहा कि पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए एक प्रश्नावली तैयार की गई है, ताकि इस जघन्य हत्याकांड में घटनाओं के क्रम का पता लगाया जा सके। पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद पुलिस के नार्को टेस्ट कराने की संभावना है, जिसकी अनुमति अदालत ने पिछले सप्ताह दी थी।
पुलिस को वॉकर का कटा हुआ सिर और शरीर के अन्य अंग अभी तक नहीं मिले हैं। हालांकि पुलिस को उम्मीद है कि हत्या के हथियार सहित महत्वपूर्ण सबूत बरामद करने के लिए सुराग मिलने की उम्मीद है, जो उनके मामले को मजबूत कर सकता है। सूत्रों ने कहा कि पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने हथियार और औजारों को मई के बाद गुड़गांव में डीएलएफ फेज III वन क्षेत्र में फेंक दिया था, जिसका इस्तेमाल वाकर के शरीर को 35 टुकड़ों में काटने के लिए किया गया था। मंगलवार शाम को विशेषज्ञों ने आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू किया। एफएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया में समय लग रहा है। यह एक या दो दिन तक चल सकता है।
मंगलवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद पूनावाला को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उनकी हिरासत चार और दिनों के लिए बढ़ा दी। इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वाकर हत्याकांड की जांच को दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।