'टीम इंडिया' फिर करेगी चमत्कार,खतरनाक रास्तों से गुजरकर दिव्य स्थल 'कैंची धाम' पहुंचे विराट-अनुष्का कोहली

नैनीताल(उत्तराखंड). टी20 विश्व कप (T20 World Cup) में भारतीय क्रिकेट टीम के खराब प्रदर्शन के बाद क्रिकेटर विराट कोहली(Cricketer Virat Kohli) ने उत्तराखंड के नैनीताल जिले के चमत्कारिक और दिव्य स्थल कैंची धाम यानी बाबा नीम करौरी की शरण ली है। विराट कोहली ने गुरुवार(17 नवंबर) की सुबह पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ नीब करोरी बाबा का आशीर्वाद लिया। बता दें कि टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के चलते बीसीसीआई ने नेशनल सेलेक्शन कमेटी को बर्खास्त कर दिया है। कैंची धाम के बारे में कहा जाता है कि यहां आकर जो भी मन्नत मांगता है, वो चमत्कारिक रूप से पूरी होती है। विराट ने भी टीम इंडिया के फिर से जबर्दस्त प्रदर्शन की मन्नत मांगी। पढ़िए बाकी की डिटेल्स...

Amitabh Budholiya | Published : Nov 19, 2022 4:07 AM IST / Updated: Nov 19 2022, 09:44 AM IST
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'टीम इंडिया' फिर करेगी चमत्कार,खतरनाक रास्तों से गुजरकर दिव्य स्थल 'कैंची धाम' पहुंचे विराट-अनुष्का कोहली

कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में है। बाबा 1961 में पहली बार यहां आए थे। उन्होंने अपने एक मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था। 1964 में यहां आश्रम की स्थापना की गई।
 

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बता दें कि विराट का शानदार फार्म एशिया कप के बाद आस्ट्रेलिया में हुए वर्ल्ड कप में भी जारी रहा है। लेकिन टी-20 में टीम इंडिया का प्रदर्शन खराब रहा। ये तस्वीर विराट की कैंची धाम की है।
 

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कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में है। बाबा 1961 में पहली बार यहां आए थे। उन्होंने अपने एक मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था। 1964 में यहां आश्रम की स्थापना की गई।

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नीम करौली बाबा या नीब करौरी बाबा की तुलना 20वीं शताब्दी के सबसे महान संतों में होती है। इनका जन्म स्थान यूपी के फिरोजाबाद के अकबरपुर गांव में हुआ था। इनका वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था।

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बाबा नीम करौरी का विवाह 11 साल की उम्र में हो गया था। 1958 में बाबा ने घर त्याग दिया था। इसके बाद पूर उत्तरभारत की सैर की थी। बाबा नीम करौरी ने 11 सितंबर, 1973 में वृंदावन में अपना शरीर त्याग दिया था। बाबा के शिष्य दुनियाभर में हैं। एक बार जब फेसबुक कंपनी कठिन समय से गुजर रही थी, तब मार्क ज़ुकेरबर्ग(Mark Zuckerberg) भी यहां आए थे।

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रिचर्ड एलपर्ट(जिन्हें बाद में रामदास कहा गया) ने नीम करौरी बाबा के चमत्कारों पर एक पुस्तक मिरेकल आफ लव लिखी थी। किताब में एक बुलेटफ्रूक कंबल का जिक्र है। बाबा हमेशा कंबल ओढ़े दिखते थे। यहां आने वाले कंबल चढ़ाते हैं।

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