राजा भीम ने बनवाया था मोढेरा का सूर्य मंदिर, यहां भगवान राम को मिली थी ब्रह्म हत्या से मुक्ति, जानें खासियत

मोढेरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार से अपनी तीन दिन की गुजरात यात्रा की शुरुआत की। वह मेहसाणा जिले के मोढेरा में बने सूर्य मंदिर (Modhera Sun Temple) पहुंचे। सूर्य मंदिर पुष्पावती नदी पर स्थित है। इसी जगह भगवान राम को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी। उन्होंने रावण का वध किया था। रावण ब्राह्मण था। सूर्य मंदिर को चालुक्य वंश के राजा भीम प्रथम ने 1026-27 में बनवाया था। आगे पढ़ें मंदिर की खासियत के बारे में...
 

Asianet News Hindi | Updated : Oct 09 2022, 06:33 PM IST
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राजा भीम ने बनवाया था मोढेरा का सूर्य मंदिर, यहां भगवान राम को मिली थी ब्रह्म हत्या से मुक्ति, जानें खासियत

सूर्य मंदिर का निर्माण पहाड़ी पर किया गया है। इसे इस तरह बनाया गया है कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मंदिर पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं। मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर बहुत सुंदर नक्काशी की गई है। मंदिर की दीवारों पर नक्काशी की मदद से पौराणिक कथाओं को दिखाया गया है। 
 

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सूर्य मंदिर के तीन मुख्य हिस्से (सूर्य कुंड, सभा मंडप और गूढ़ मंडप) हैं। कुंड में जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गईं हैं। कुंड का नाम रामकुंड है। लंका में रावण के वध के बाद भगवान राम ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति चाहते थे। ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें पुष्पावती नदी के किनारे स्थित मोढेरा जाने का निर्देश दिया था। भगवान राम यहां आकर रहे थे। यहां उन्हें आत्मिक शांति मिली थी।
 

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नक्काशीदार मंदिर परिसर और भव्य रूप से तराशे गए कुंड सोलंकी काल की चिनाई कला के गहने हैं। सोलंकी काल को गुजरात के स्वर्ण युग के रूप में भी जाना जाता है। 
 

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रामकुंड को आयताकार आकार में बनाया गया है। इसमें विभिन्न देवताओं और अर्ध-देवताओं के 108 मंदिर हैं। कुंड के तीन किनारों पर स्थित तीन मुख्य मंदिर शीतलमाता, भगवान गणेश और भगवान विष्णु को समर्पित हैं। 'सभा मंडप' के साथ खंभों पर उकेरी गई बारह प्रतिमाएं बारह महीनों के अनुसार सूर्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। 
 

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मोढेरा सूर्य मंदिर का अस्तित्व कोणार्क सूर्य मंदिर से भी पुराना है। 2014 में यूनेस्को ने मंदिर को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया था। मोढेरा सूर्य मंदिर की भव्यता इसकी वास्तुकला में निहित है। इसे मारू-गुर्जरा शैली में बनाया गया है। 
 

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स्थापत्य शैली चालुक्य राजवंश (सोलंकी राजवंश) से संबंधित है। इस राजवंश ने 10वीं और 13वीं शताब्दी के बीच वर्तमान गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों पर शासन किया था। मारू-गुर्जर वास्तुकला चालुक्य शासन के दौरान फली-फूली। इसकी अनूठी विशेषता आकर्षक और जटिल नक्काशीदार बाहरी दीवारें हैं।
 

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महमूद गजनी ने 1025 के आसपास मोढेरा शहर पर हमला किया था। राजा भीमदेव की सेना ने गजनी का सामना किया, लेकिन वे उसे रोक नहीं पाए। महमूद गजनी ने सूर्य मंदिर को लूट लिया था। चालुक्यों ने बाद में मंदिर का पुनर्निर्माण किया था। इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने मंदिर पर हमला किया था। 

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