दो कमरों में रहे, पिता ने कर्ज लेकर भेजा विदेश... ऐसी है गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की कहानी
नई दिल्ली. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का प्रमोशन हुआ है। उन्हें अब गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का भी सीईओ बना दिया गया है। गूगल के सह-संस्थापकों लैरी पेज और सर्गेइ ब्रिन ने खुद को पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सक्रिय प्रबंधन से अलग कर लिया है। अल्फाबेट ने मंगलवार को बताया कि पेज और ब्रिन क्रमश: सीईओ और अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं। इसके बाद गूगल के मौजूदा सीईओ पिचाई (47) अब अल्फाबेट के सीईओ का पद संभालेंगे।
सुंदर पिचाई का पूरा नाम सुंदर राजन पिचाई है। उनका जन्म 12 जुलाई 1972 में हुआ था। पिचाई का जन्म भारत के मदुरै, तमिलनाडु के एक तमिल परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम लक्ष्मी और पिता का नाम रघुनाथ पिचाई था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई में ही हुई।
तमिलनाडु के मदुरै में जन्में सुंदर पिचाई दो कमरों के घर में रहते थे। टीवी, टेलीफोन और कार जैसी सुविधाए नहीं थी। मेहनत के दम पर आईआईटी खड़गपुर में एडमिशन लिया। इंजीनियरिंग के बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप मिली। मीडिया रिपोट्स् के मुताबिक उस समय उनके घर की हालत इतनी खराब थी कि सुंदर के एयर टिकट के लिए उनके पिता को कर्ज लेना पड़ा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुंदर पिचाई ने 12 साल की उम्र में पहली बार फोन देखा था। उनके पिता इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे, इस वजह से गैजेट की तरफ उनका झुकाव था। पिचाई ने 1995 अपना पहला फोन में खरीदा। पहला मल्टीमीडिया फोन साल 2006 में लिया।
सुंदर पिचाई को फुटबॉल और चेस के साथ-साथ क्रिकेट खेलना पसंद है। पिचाई को क्रिकेट के बारे में भी अच्छी खासी नॉलेज है।
सुंदर पिचाई अपनी फैमिली को पूरा समय देते हैं। उन्हें अपने बच्चों, किरण और काव्या के साथ वक्त बिताना सबसे अच्छा लगता है।
सुंदर पिचाई को इंजीनियरिंग करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप मिली थी।