मौत से पहले का आखिरी पत्र, जेल प्रशासन ने निर्भया के दोषियों के घरवालों को बताया, कब देंगे फांसी
नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के लिए कोर्ट द्वारा डेथ वारंट जारी हो चुका है। चारों दोषियों को 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है। इन सब के बीच निर्भया के दोषी मौत से बचने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। जिसका नतीजा है कि दोषियों ने तिहाड़ जेल द्वारा जारी किए गए अंतिम इच्छा बताने के नोटिस पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। इसके साथ ही तिहाड़ जेल ने एक दोषी के घर फांसी दिए जाने की सूचना भेज दी है। जिसमें जेल ने लिखा है कि दोषियों से अंतिम बार मुलाकात कर सकते हैं ।
निर्भया के दोषी तिहाड़ जेल द्वारा जारी किए गए नोटिस पर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। अभी तक चार में से किसी भी मुजरिम ने तिहाड़ प्रशासन द्वारा पूछे जाने के बाद भी यह नहीं बताया है कि उनकी अंतिम इच्छा आखिर क्या-क्या है? तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने एजेंसी से बात करते हुए कहा, 'अदालत से डेथ-वारंट जारी होने के बाद जो कानूनी प्रक्रिया अमल में लानी चाहिए हम वो सब अपना रहे हैं। इसी के तहत चारों मुजरिमों से तिहाड़ जेल प्रशासन ने उनकी अंतिम इच्छा भी कुछ दिन पहले पूछी थी। अभी तक चार में से किसी ने भी कोई जबाब नहीं दिया है।' (चारों दोषियों की प्रोफाइल)
संदीप गोयल ने कहा, 'जेल प्रशासन ने चारों मुजरिमों से पूछा था कि डेथ-वारंट अमल में लाए जाने से पहले वे किससे किस दिन किस वक्त जेल में मिलना चाहेंगे? संबंधित के नाम, पते और संपर्क-नंबर यदि कोई हो तो लिखित में जेल प्रशासन को सूचित कर दें। ताकि वक्त रहते अंतिम मुलाकात करने वालों को जेल तक लाने का समुचित इंतजाम किया जा सके।' (तिहाड़ जेल की फाइल फोटो)
जेल महानिदेशक के मुताबिक, 'नियमानुसार दूसरी बात यह पूछी गयी थी चारों से कि क्या उन्हें अपनी कोई चल-अचल संपत्ति अपने किसी रिश्तेदार, विश्वासपात्र के नाम करनी है? अगर ऐसा है तो संबंधित शख्स या रिश्तेदार का नाम पता भी जेल प्रशासन को उपलब्ध करा दें। गुरुवार तक चार में से किसी भी मुजरिम ने फिलहाल दोनों ही सवालों का जबाब नहीं दिया है। जैसे ही उनका जबाब मिलेगा, जेल प्रशासन उसी हिसाब से इंतजाम शुरू कर देगा।' (निर्भया के दोषियों की फाइल तस्वीर)
तिहाड़ जेल के एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'चारों मुजरिमों ने चूंकि दोनों में से किसी भी सवाल का जवाब अभी तक लिखित रूप से नहीं सौंपा है। लिहाजा फिलहाल उनकी जेल में बाकी कैदियों की तरह ही सप्ताह में दो दिन परिवार वालों से मिलाई करा दी जा रही है। हां, फांसी की सजा अमल में लाए जाने वाले दिन से पहले उन्हें अंतिम बार किससे जेल में और कब मिलना है? यह फिलहाल लंबित ही है। हालांकि अगर फांसी लगने वाले दिन से पहले तक, समुचित समय के साथ मुजरिमों ने दोनों ही सवालों का जबाब नहीं दिया, तो जेल प्रशासन मान लेगा कि उन्हें कुछ नहीं कहना-सुनना है।' (निर्भया से दरिंदगी के करने वाले चारों दोषी, फाइल फोटो)
पटियाला कोर्ट ने 7 जनवरी को निर्भया के दोषियों को डेथ वारंट जारी किया था। जिसमें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाने की तारीख तय की गई थी। लेकिन कानून दांव पेंच में फंसने के कारण फांसी की तारीख को आगे बढ़ाया गया। जिसके कारण कोर्ट ने दोबारा वारंट जारी करते हुए दोषियों को 1 फरवरी 2020 को सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया है। (जेल में बंद कैदियों की फाइल फोटो)
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई। (इसी बस में निर्भया के साथ हुई थी दरिंदगी)