गोधरा कांडः जानिए सिलसिलेवार घटनाक्रम की पूरी टाइम लाइन

27 फरवरी, 2002 भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है। इस दिन गुजरात के गोधरा में एक ट्रेन को उपद्रवियों ने आग लगा दी थी। ट्रेन की बोगी में सवार 59 लोग जलकर मर गए थे, इसमें ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। इस घटना के बाद गुजरात में दंगा भड़क उठा था। इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने एक कमिशन नियुक्त किया था, जिसका मानना था कि यह महज एक दुर्घटना थी। इस निष्कर्ष से बवाल खड़ा हो गया और कमिशन को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया। इस मामले में 28 फरवरी, 2002 को 71 दंगाई गिरफ्तार किए गए थे। FIR में लिखवाया गया कि साबरमती एक्सप्रेस ने जैसे ही गोधरा स्टेशन छोड़ा, दंगाइयों ने उसके कोच एस-6 को आग के हवाले कर दिया था। इस मामले में गोधरा नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष और कांग्रेस के अल्पसंख्यक संयोजक मोहम्मद हुसैन कलोटा को मार्च में गिरफ्तार किया गया था। 24 जुलाई, 2015 को गोधरा कांड के एक अन्य आरोपी हुसैन सुलेमान को झाबुआ से पकड़ा गया था। इस मामले में करीब 9 साल बाद 31 लोगों को दोषी ठहराया गया था। जानिए सिलसिलेवार घटनाक्रम..

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2021 8:10 AM IST / Updated: Apr 10 2022, 06:04 PM IST
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गोधरा कांडः जानिए सिलसिलेवार घटनाक्रम की पूरी टाइम लाइन

27 फरवरी 2002 :गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती ट्रेन के एस-6 कोच को आग के हवाले किया गया, इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे।

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28 फरवरी 2002 : इस घटना के बाद गुजरात के कई इलाकों में दंगा भड़क गया, जिसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए। 

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03 मार्च 2002 : गोधरा ट्रेन जलाने के मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक अध्यादेश (पोटा) लगाया गया।

25 मार्च 2002 : सभी आरोपियों पर से पोटा हटाया गया।

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17 जनवरी 2005 : यूसी बनर्जी समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया कि गोधरा कांड महज एक ‘दुर्घटना’थी।

13 अक्टूबर 2006 : गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि यूसी बनर्जी समिति का गठन ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ है, क्योंकि नानावटी-शाह आयोग पहले ही दंगे से जुड़े सभी मामले की जांच कर रहा है।

26 मार्च 2008 : सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड और फिर हुए दंगों से जुड़े 8 मामलों की जांच के लिए विशेष जांच आयोग बनाया।

18 सितंबर 2008 : नानावटी आयोग ने गोधरा कांड की जांच सौंपी। इसमें कहा गया कि यह पूर्व नियोजित षड्‍यंत्र था।

22 फरवरी 2011 : विशेष अदालत ने गोधरा कांड में 31 लोगों को दोषी पाया, जबकि 63 अन्य को बरी किया।

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1 मार्च 2011: विशेष अदालत ने गोधरा कांड में 11 दोषियों को फांसी और 20 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने सभी दोषियों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।

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