रिसाव पूर्ण सूखने तक स्थितियां ऐसी ही रहेंगी...
सीपी राजेंद्रन, जोशीमठ के भविष्य के बारे में बताते हैं कि यह भूजल के सूखने तक होता रहेगा। भूजल मजबूत होने के लिए तलछट को पकड़ने के लिए प्रेशर बनाता है। जब पानी निकलता है आसपास की जमीन फैलती हैं। इस तरह जब सूखने लगता है तो गाद सिकुड़ने लगती है। सूखने की वजह से जमीन के सिकुड़ने से अधिक से अधिक दरारें विकसित होंगी। आखिरकार, एक समय बाद यह बंद हो जाएगा और फिर वह सामान्य हो जाएगा। लेकिन नुकसान की भरपाई संभव नहीं। हालांकि, यह कब होगा यह तो पता नहीं लेकिन यह जरूर होगा कि पूरे क्षेत्र की टोपोग्राफी बदल जाएगी। पूरा क्षेत्र बदल जाएगा। इसमें कुछ समय लगेगा। अभी जो कुछ भी हो रहा है वह कुछ समय तक चलता रहेगा।