22 जनवरी, 1905 रविवार का दिन इतिहास में 'रूसी क्रांति' की शुरुआत माना जाता है। इस दिन अपने मेहनताने और काम के घंटों जैसे मुद्दे पर मजदूर प्रदर्शन कर रहे थे। सैकड़ों मजदूर आंदोलन करते हुए पीटर्सबर्ग के विंटर पैलेस की ओर कूच कर चुके थे। ये लोग शासक जार निकोलस से मिलने रवाना हुए थे। लेकिन इससे पहले ही महल में सैनिकों ने उन पर गोलियां बरसा दीं। इसमें 500 से ज्यादा मजदूर मारे गए। इस दिन को रूस के इतिहास में खूनी संडे कहा जाता है। इसी घटना के बाद 1917 में व्लादिमिर लेनिन के नेतृत्व में रूसी क्रांति की शुरुआत हुई। यानी रूसी क्रांति दो चरणों में हुई।