इस कारण पिता ने निर्मला सीतारमण को भेज दिया था मौसी के घर, कॉलेज के दिनों में दिखती थीं ऐसी
नई दिल्ली: मोदी सरकार में निर्मला सीतारमण काफी महत्वपूर्ण जगह रखती हैं। इंदिरा गाँधी के बाद इन्हें ही देश का अहम पद यानी वित्त मंत्रालय सौंपा गया। इससे पहले ये देश की डिफेन्स मिनिस्टर भी रह चुकी हैं। लेकिन आज इस पद तक पहुंचने का सारा श्रेय निर्मला अपने माता-पिता को देती हैं। 18 अगस्त 1959 में जन्मी निर्मला सीतारमण का बचपन काफी सिक्योर बीता है।
एक इंटरव्यू में निर्मला ने कहा था कि उनके माता-पिता ने उन्हें काफी सिक्योर बचपन दिया। उनके पिता रेलवे कर्मचारी थे। तो उनकी मां हाउस वाइफ थीं।
निर्मला की मां को पढ़ने का काफी शौक था। यही आदत उनकी बेटी को भी हुई। आज निर्मला जब भी खाली समय मिले, किताबों में डूब जाती हैं।
वित्तमंत्री के पिता रेलवे में थे। निर्मला सीतारमण के मुताबिक, पिता से उन्हें अनुशासन का पाठ मिला।
पिता की नौकरी ऐसी थी कि उनका ट्रांसफर होता रहता था। ऐसे में निर्मला सीतारमण को अलग-अलग जगह जाना पड़ता था। इस कारण एक जगह पर उनके दोस्त नहीं बन पाते थे।
जब निर्मला सीतारमण पांचवीं कक्षा में थीं, तब उनके माता-पिता ने उन्हें मौसी के घर भेज दिया। इसके बाद तीन साल वो मद्रास रहीं, फिर तमिलनाडु के त्रिची में बस गईं।
उन्होंने त्रिची के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बैचलर्स की डिग्री पाई। इसके बाद जेएनयू से उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की।
उन्होंने इंडो-यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड में रिसर्च किया। शायद उन्होंने वित्त मंत्री बनने से पहले ही इसकी तैयारी कर ली थी।