कोरोना से बदली परंपरा, पहली बार 16 लोगों की मौजूदगी में खुले बाबा केदारनाथ के कपाट, देखिए पहली तस्वीर

देहरादून. देश में बढ़ते कोरोना कहर के बीच केदारनाथ धाम के पट बुधवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खोल दिए गए। उत्तराखंड में मौजूद यह 1000 साल पुराना मंदिर हर साल सर्दियों में छह महीने बंद रहता है। जिसके बाद इसे अप्रैल में दर्शन के लिए खोला जाता है। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण और देश में जारी लॉकडाउन के कारण लोगों का आना जाना प्रतिबंधित है। इसलिए इस बार कपाट खुलने के दौरान 15-16 लोग ही मौजूद रहे। पिछले साल कपाट खुलने के दिन 3 हजार लोगों ने केदारनाथ के दर्शन किए थे।

Asianet News Hindi | Published : Apr 29, 2020 2:55 AM IST
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कोरोना से बदली परंपरा, पहली बार 16 लोगों की मौजूदगी में खुले बाबा केदारनाथ के कपाट, देखिए पहली तस्वीर

आज सबसे पहले मुख्य पुजारी ने भगवान केदारनाथ की डोली की पूजा की और भोग लगाया। उसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर के कपाट खोले गए। फिर डोली ने मंदिर में प्रवेश किया। इसके बाद पुजारियों ने मंदिर की सफाई की, भगवान की पूजा की और भोग लगाया। केदारनाथ मंदिर के रावल कपाट खुलने के दौरान मौजूद नहीं थे, वे क्ववारैंटाइन हैं।

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हर बार इस पूजा और भोग के बाद मंदिर को दर्शन के लिए खोला जाता है। लेकिन इस बार दर्शन के लिए यात्रियों के यहां आने पर मनाही है। कोरोना के चलते इस इलाके में भी प्रशासन ने भीड़ जमा होने पर पाबंदी लगा रखी है। 

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तमाम पाबंदियों के कारण मंदिर और यात्रा से जुड़ी कई परंपराओं को इस बार बदलना पड़ा है। केदारनाथ मंदिर के रावल कपाट खुलने के दौरान मौजूद नहीं थे। वह 19 अप्रैल को महाराष्ट्र से उत्तराखंड पहुंचे और ऊखीमठ में 14 दिन के क्वारैंटाइन में हैं। रावल 3 मई को केदारनाथ पहुंचेंगे।

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ऊखीमठ से केदारनाथ की डोली इस बार दो दिन में ही पहुंच गई और उसे गाड़ी में लाया गया। यह दूसरा मौका है जब डोली गाड़ी में आई है, इससे पहले देश में इमरजेंसी के वक्त ऐसा किया गया था। 

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मंदिर को 5 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कोरोना की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन का प्रभाव चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। यात्रा होगी या नहीं इस पर फैसला अब तक नहीं हो सका है। पिछले साल 32 लाख लोगों ने चारधाम यात्रा की थी।

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बद्रीनाथ के कपाट 15 मई को खुलेंगे 
कपाट खुलने की तारीख को लेकर भी विवाद हुआ था और सरकार ने इसे आगे बढ़ाने को कहा था। लेकिन रावल और हकहकूकधारियों की एक बैठक में पहले से तय तारीख पर ही पट खोलने का फैसला लिया गया। वहीं, बद्रीनाथ के कपाट पहले 30 तारीख को खुलने थे, जिसे अब बदलकर 15 मई कर दिया गया है।

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अप्रैल से नवंबर महीने के बीच दर्शन के लिए खुलता है कपाट
केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहां की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर महीने के बीच ही दर्शन के लिए खुलता है।
 

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आदि शंकराचार्य ने बनवाया था मंदिर
मंदिर के पट हर साल वैशाख महीने यानी मार्च-अप्रैल में खोले जाते हैं। करीब 6 महीने तक यहां दर्शन और यात्रा चलती है। इसके बाद कार्तिक माह यानी अक्टूबर-नवंबर में फिर कपाट बंद हो जाते हैं। कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ की डोली ऊखीमठ ले जाई जाती है, जहां ओंकारेश्वर मंदिर में उनकी पूजा होती है। 12 ज्योतिर्लिंगों में यह सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बना मंदिर है, जिसे आदि शंकराचार्य ने बनवाया था। 

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जून 2013 में आई थी भयानक बाढ़
जून 2013 में उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण केदारनाथ सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा। मंदिर की दीवारें गिर गई और बाढ़ में बह गईं। बाढ़ में भी इस ऐतिहासिक मन्दिर का मुख्य हिस्सा और सदियों पुराना गुंबद सुरक्षित रहे, लेकिन मन्दिर का प्रवेश द्वार और उसके आस-पास का इलाका पूरी तरह तबाह हो गया।

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