सोमनाथ मंदिर ने 1 करोड़ तो शिरडी साईंबाबा ने 51 करोड़ रुपए...कोरोना के खिलाफ मंदिरों ने कितना दान किया

नई दिल्ली. भारत में कोरोना महामारी के दौरान बड़े बिजनेसमैन से लेकर छोटे व्यापारियों और आम लोगों ने दान दिए। इस दौरान मंदिर भी सामने आए हैं। उन्होंने भी जितना संभव हुआ उतने रुपए दान दिए या दूसरे तरीके से मदद कर कोरोना महामारी को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भारत में कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने कोरोना महामारी के खिलाफ योगदान दिया।
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 28, 2020 9:19 AM IST / Updated: Apr 28 2020, 02:52 PM IST

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सोमनाथ मंदिर ने 1 करोड़ तो शिरडी साईंबाबा ने 51 करोड़ रुपए...कोरोना के खिलाफ मंदिरों ने कितना दान किया


जम्मू और कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर के नॉन गैजेटेड स्टाफ ने राज्य के राहत कोष में अपने वेतन का एक दिन का दान दिया। वहीं गैजेटेड अधिकारियों ने अपने वेतन का 2 दिन की सैलरी का दान दिया। इसके अलावा बोर्ड के उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मुर्मू के निर्देश पर कटरा बस्ती में जरूरतमंद लोगों के बीच राशन बांटा गया। श्राइन बोर्ड ने 600 बिस्तरों का आवास उपलब्ध कराया।
 

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21 अप्रैल को हरियाणा के पंचकुला में श्री माता मानसी देवी मंदिर ने हरियाणा कोरोना राहत कोष में 10 करोड़ रुपए का दान दिए।
 

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श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरडी (अहमदनगर) ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 करोड़ रुपए दान दिए। इसके अलावा श्री साईं प्रसादालय के माध्यम से श्री साईनाथ अस्पताल, शिरडी अनाथालय, वृद्धाश्रम, बधिरों के लिए एक स्कूल, निराश्रित और जरूरतमंद, पुलिस कर्मियों और अन्य लोगों के लिए सभी रोगियों और उनके रिश्तेदारों को मुफ्त खाने की व्यवस्था कराई।

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छत्तीसगढ़ में महामाया मंदिर ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 5,11,000 रुपए दिए। इसके अलावा कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर रेड क्रॉस सोसायटी को 1,11,000 रुपए दिए।
 

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श्री सोमनाथ ट्रस्ट ने गुजरात के मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ रुपए दान दिए। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और एलके आडवाणी भी ट्रस्ट के सदस्य हैं। 

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पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट में महावीर मंदिर ट्रस्ट ने राज्य में कोविद -19 महामारी से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ रुपए दान दिया है। ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य सरकार को कोरोना की तबाही से उबरने और गरीब लोगों को भोजन प्रदान करने की योजना को मजबूत करना है। यह वही ट्रस्ट है जिसने पिछले साल नवंबर में घोषणा की थी कि वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए 10 करोड़ रुपए दान देगा। 
 

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कांची मुथ ने प्रधानमंत्री राहत कोष और तमिलनाडु मुख्यमंत्री राहत कोष में से प्रत्येक को 10 लाख रुपए दिए। 21 मार्च को एक बयान में कहा, राहत उपायों और समर्थन में योगदान के रूप में श्री कांची कामकोटि पीतम की ओर से प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री के जन राहत कोष में प्रत्येक में 10 लाख रुपए का योगदान दिया गया था।
 

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देवस्थान प्रबंधन समिति कोल्हापुर ने प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के माध्यम से 2 करोड़ रुपए दान किए। ट्रस्ट के सहायक सचिव शिवाजी साल्वी ने कहा, सीएमआरएफ को 1.50 करोड़ रुपए की राशि दी गई है, जबकि 50 लाख रुपए जिले में विभिन्न चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कलेक्टर को दिए जाएंगे। 
 

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अंबाजी मंदिर ने गुजरात के मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ और एक लाख रुपए दान दिए। इसके अलावा मंदिर ट्रस्ट ने लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के बीच खाने के पैकेट बांटे। 

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गुजरात में सात स्वामीनारायण मंदिरों ने कुल मिलाकर 1.88 करोड़ रु दान दिए। इसके अलावा खाने की व्यवस्था भी की। गुजरात के वडताल स्वामीनारायण मंदिरों द्वारा संचालित विभिन्न मंदिरों द्वारा 500 कमरे उपलब्ध कराए गए हैं।

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