संग्राम नंदीग्राम काः ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कौन हैं सुवेंदु अधिकारी, जानिए सबकुछ

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने शनिवार को 57 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ नंदीग्राम से सुवेंदु अधिकारी को टिकट दिया गया है। सुवेंदु हाल ही में टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए हैं। वे ममता के बाद नंबर दो माने जाते थे। इससे पहले शुक्रवार को ममता ने टीएमसी के 291 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था। ऐसे में आज आपको उनके जीवन के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं... 

Asianet News Hindi | Published : Mar 6, 2021 1:50 PM IST / Updated: Mar 06 2021, 07:30 PM IST

110
संग्राम नंदीग्राम काः ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कौन हैं सुवेंदु अधिकारी, जानिए सबकुछ

सुवेंदु अधिकारी पिछले कुछ समय से तृणमूल कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। इसी के बाद उनके टीएमसी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे थे। यहां तक कि भाजपा नेता रूपा गांगुली ने भी कह दिया था कि अगर अधिकारी भाजपा में शामिल होते हैं तो यह उनका स्वागत है।

210

सुवेंदु टीएमसी से नाराज होने के बाद अपना ऑफिस खोला था, जिसका रंग भगवा रखा गया था। उन्होंने ये ऑफिस अपने क्षेत्र पूर्व मेदिनीपुर के कांथी में खोला था। इस ऑफिस को सुवेंदु बाबू सहायता केंद्र नाम दिया गया था। खास बात ये है कि सुवेंदु के करीबी कनिष्क पांडा ने भगवा ऑफिस के सवाल के जवाब में कहा था कि यह रंग त्याग और सेवा का प्रतीक है।

310

सुवेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहन मंत्री थे। उन्होंने 27 नवंबर को मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा था कि उनकी पहचान यह है कि वो पश्चिम बंगाल और भारत के बेटे हैं। उनका कहना था कि वो हमेशा पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए लड़ेंगे। उन्होंने उसी दिन ऐलान कर दिया था कि टीएमसी में रहकर काम करना संभव नहीं है।

410

सुवेंदु अधिकारी को जनाधार वाले एक प्रभावशाली नेता के तौर पर जाना जाता है। सुवेंदु ने कांथी पीके कॉलेज से स्नातक में ही राजनीतिक जीवन में कदम रखा था। वो 1989 में छात्र परिषद के प्रतिनिधि चुने गए। सुवेंदु 36 साल की उम्र में पहली बार 2006 में कांथी दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे।

510

इसके बाद वो पिछले साल 2020 में कांथी नगर पालिका के चेयरमैन भी बनाए गए। सुवेंदु 2009 और 2014 में तुमलुक लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे। उन्होंने 2016 में नंदीग्राम विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने ममता ने मंत्री भी बनाया।

610

सुवेंदु का राजनीतिक करियर भले ही 1990 के दशक में शुरू हुआ हो, लेकिन उनका सियासी कद 2007 में बढ़ा। उन्होंने पूर्वी मिदनापुर के वर्ष 2007 के नंदीग्राम आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में सुवेंदु शिल्पी की भूमिका में रहे।

710

इस आंदोलन में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में कई लोगों की मौत के बाद आंदोलन और उग्र हो गया था। इसके बाद तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार को झुकना पड़ा था। नंदीग्राम और हुगली के सिंगूर में हुए आंदोलन ने तृणमूल कांग्रेस को बंगाल में पकड़ और मजबूत करने का मौका दिया।

810

सुवेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहन, जल संसाधन और विकास विभाग तथा सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग मंत्री भी रहे। वो पूर्वी मिदनापुर जिले के प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

910

सुवेंदु के पिता शिशिर अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में रहे। वो 1982 में कांग्रेस के टिकट पर कांथी दक्षिण सीट से विधायक भी रहे। शिशिर अधिकारी तुमलुक लोकसभा सीट से सांसद हैं। वो मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री भी रहे। शुभेंदु के भाई दिव्येंदु अधिकारी कांथी लोकसभा सीट से सांसद हैं।

1010

बता दें कि पूर्वी मिदनापुर के अंतर्गत 16 विधानसीटें आती हैं। इसके अलावा पश्चिमी मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया जिलों की करीब 5 दर्जन सीटों पर अधिकारी परिवार का प्रभाव माना जाता है। इतना ही नहीं नंदीग्राम आंदोलन में सुवेंदु के कौशल को देखते हुए ममता बनर्जी द्वारा मिदनापुर, बांकुरा और पुरुलिया में तृणमूल के विस्तार का काम सौंपा गया था। सुवेंदु ने इन जगहों पर पार्टी को मजबूत करने का काम किया। इसके अलावा मुर्शिदाबाद और मालदा में भी उनकी अच्छी पकड़ बताई जाती है।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos