इस बार Navratri पर देवी पंडालों में देखें tragedy, इधर Corona ने रावण को संकट में डाल दिया

Published : Oct 13, 2021, 09:09 AM ISTUpdated : Oct 13, 2021, 10:39 AM IST

नई दिल्ली. धार्मिक आयोजन हमेशा समाज की खुशियों और परेशानियों को दिखाते रहे हैं। Navratri 2021 में भी ऐसा ही कुछ दिखाई दे रहा है, लेकिन कुछ नई त्रासदियों(tragedy) के साथ। इस मामले में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सबसे अधिक प्रयोग होते हैं। यहां इस बार बंगाल में आए चक्रवाती तूफान अम्फान और यास(Amphan and Yaas cyclones) के जनजीवन पर पड़े असर को दिखाया गया है। वहीं, कई जगहों पर किसान आंदोलन पर भी फोकस किया गया है। दूसरी तरफ Corona के असर के कारण रावण के पुतलों की बिक्री इस बार कम हो रही है।  

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इस बार Navratri पर देवी पंडालों में देखें tragedy,  इधर Corona ने रावण को संकट में डाल दिया

उत्तर 24 परगना (West Bengal) में केस्तोपुर कानन पोस्चिम आदिबासिब्रिंदा समिति( Kestopur Kanan Poschim Adhibasibrinda Committee) ने एक दुर्गा पूजा पंडाल की स्थापना की है, जिसमें तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की कठिनाइयों को उजागर किया गया है, जिनका सामना उन्होंने 'अम्फान'  और 'यस' चक्रवात के दौरान किया था। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए एक सदस्य शुभयान चौधरी ने कहा कि इस साल समिति 'प्रकाश किरण' नामक विषय के साथ आई है जिसका अर्थ है 'सूर्य की किरणें'। यह विषय उन लोगों के जीवन के इर्द-गिर्द घूम रहा है, जिन्होंने 'अम्फान' और 'यस' चक्रवातों के दौरान कठिनाई का सामना किया। समिति ने यह दिखाने का प्रयास किया है कि तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग तूफान के कारण कैसे प्रभावित हुए।

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यह मामला पश्चिम बंगाल का है। इस बार यहां के देवी पंडालों में किसान आंदोलन दिखाया जा रहा है। एक आयोजक ने ANI को बताया, “हमारे कलाकारों ने भी सोचा कि किसान विरोध पर पंडाल बनाना चाहिए। यह सिर्फ देश में ही नहीं पूरी दुनिया में इस पर चर्चा है। हमने सोचा कि यह सही समय है।”

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यह मामला तेलंगाना का है। हैदराबाद में रसोई गैस (LPG gas cylinder)महंगी होने पर जमीकुंटा की महिलाओं ने नवरात्र पर सिलेंडर के इर्द-गिर्द गरबा खेलकर अपना विरोध जताया था।

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यह मामला यूपी के मेरठ से जुड़ा हुआ है। कोरोना निर्देशों का पालन करते हुए इस साल भी रावण दहन की अनुमति मिली है। यहां रावण का पुतला बनाने का काम मुस्लिम समुदाय के लोग 3-4 पीढ़ियों से कर रहे हैं। रामलीला में भी 2-3 कलाकार मुस्लिम समुदाय से हैंख् जो इसमें भाग लेते हैं। श्री राम कमेटी, मेरठ के अध्यक्ष पवन गर्ग के कहते हैं कि कोरोना के कारण इस बार भी त्यौहार पर असर पड़ा है।

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यह मामला गुजरात का है। कोरोना की वजह से अहमदाबाद में रावण के पुतले बनाने वालों को कम ऑर्डर मिल रहे हैं। रावण के पुतले बनाने वाले एक व्यक्ति ने ANI को बताया, "कोरोना की वजह से हम लोगों ने इस बार 20-22 पुतले बनाए हैं। पहले हम 90-95 पुतले बनाया करते थे। इस बार कोरोना की वजह से हमें कम ऑर्डर मिले हैं।"

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