नक्सलवाद भारत की एक गंभीर समस्या है, जिसका शिकार सुप्रीति और उनके परिवार को होना पड़ा। दरअसल, 2003 में जब सुप्रीति की मां अपने पांच बच्चों के साथ पति रामसेवक उरांव का घर लौटने का इंतजार कर रहे थे। तब उनके पिता को नक्सली हमले में गोलियों से छलनी कर दिया गया था और उनके शव को पेड़ से बांध दिया था।