Tokyo Olympics: वंदना कटारिया से लेकर गुरजीत कौर तक, देश की इन 6 बेटियों ने टोक्यो 2020 में दागे 12 दनादन गोल

स्पोर्ट्स डेस्क: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में शुक्रवार को भारतीय महिला टीम (Indian Women’s Hockey Team) का मुकाबला ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain) से हुआ। इस रोमांचक मुकाबले में भारत ने शानदार प्रदर्शन दिखाया। हालांकि, ब्रिटेन ने ये मैच 4-3 से जीत लिया। इसके साथ ही भारतीय टीम का ब्रॉन्ज मेडल जीतने का सपना टूटा गया। लेकिन भारत की महिला हॉकी टीम ने इतिहास रचा है। ग्रुप स्टेज से लेकर ब्रॉन्ज मेडल मैच तक भारतीय महिलाओं ने अपनी हॉकी स्टिक से कुल 12 गोल दागे। आइए आपको उन 6 धाकड़ लड़कियों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने पहली बार भारत को ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले तक पहुंचाने में बेहतरीन प्रदर्शन किया...

Asianet News Hindi | Published : Aug 6, 2021 5:33 AM IST / Updated: Aug 06 2021, 11:05 AM IST

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Tokyo Olympics: वंदना कटारिया से लेकर गुरजीत कौर तक, देश की इन 6 बेटियों ने टोक्यो 2020 में दागे 12 दनादन गोल

भारतीय महिला हॉकी टीम भले ही टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने से चूक गई हो, लेकिन वंदना कटारिया (Vandana Katariya) भारत की ओर से सबसे अधिक गोल करने के वाली खिलाड़ी है। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 4 गोल किए। शुक्रवार को उन्होंने ब्रिटेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में एक गोल दागा। इससे पहले ग्रुप स्टेज पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में वंदना ने एक के बाद एक तीनों गोल किए और ओलंपिक मुकाबले में गोलों की हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय बनी थीं। बता दें कि, टोक्यो में आने से पहले 30 मई को उनके पिता का निधन हो गया था। लेकिन अपने पापा का सपना पूरा करने के लिए वह उनकी मौत के बाद घर नहीं आईं और तैयारियों में जुटी रहीं।

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पंजाब के अमृतसर में स्थित गांव मियादी कलां की रहने वाली गुरजीत कौर (Gurjit Kaur) ने भी टोक्यो ओलंपिक में 4 गोल दागे हैं। ब्रिटेन के खिलाफ मैच में उन्होंने 2 गोल करके टीम को बराबरी दिलाई थी। इससे पहले वह क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल मुकाबले में भी 1-1 गोल कर चुकी हैं।

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भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल (Rani Rampal) ने भी एक गोल दागा। महज 15 साल की उम्र में भारतीय हॉकी टीम में शामिल होने वाली रानी अब तब 200 से ज्यादा मैच खेल चुकी हैं। 2009 में रानी को 'द टॉप गोल स्कोरर' और 'द यंगेस्ट प्लेयर' घोषित किया गया। इसके बाद 2019 में रानी को वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर-2019 का भी खिताब मिला।

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शर्मिला देवी (Sharmila Devi) ने भी टोक्यो ओलंपिक में 1 गोल किया। हरियाणा के हिसार गांव में पैदा हुई शर्मिला के पिता एक किसान और मां एक गृहणी हैं। जब वो चौथी क्लास में थी तब से उन्हें हॉकी खेलना शुरु कर दिया था।

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नवनीत कौर (Navneet Kaur) ने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया और 1 गोल अपने नाम किया। एक मैच के दौरान नवनीत के सिर से पर चोट लगने से खून बहने लगा था। उसके बाद भी उन्होंने पट्टी बांधकर पूरा मैच खेला। नवनीत का जन्म हॉकी के गढ़ शाहबाद में हुआ। वह 5वीं क्लास से हॉकी खेल रही हैं। उन्होंने रियो ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था। 

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भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर नेहा गोयल (Neha Goyal) ने भी टोक्यो 2020 में 1 गोल दागा। हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली नेहा ने कभी साइकिल फैक्ट्री में काम करने को मजबूर थी, लेकिन अब वह अपने शानदार खेल के चलते पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही हैं।

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