तबाही मचाने लगा यास:मुश्किल घड़ी में NDRF टीम बनी देवदूत, मलबे में दबे 6 माह के बच्चे को बचा लाए

ओडिशा. साइक्लोन यास तूफान ने कहर बरपाना शुरु कर दिया है। जिसका असर ओडिशा और बंगाल दिखने में लगा है। जिस तरह से यहां भीषण तूफान तांडव मचा रहा उससे हाजारों पेड़ और कई कच्चे मकानों को तहस-नहस करके रख दिया है। करीब 140 किमी प्रति घंटे से तेज हावाएं चल रही हैं और भारी बारिश हो रही है। इससे निपटने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF)की टीमें तैनात कर दी  गई हैं। जहां वह अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचनाने में लगे हुए हैं। ओडिशा के बालासोर में एक मकान गिर गया और परिवार बुरी तरह से फंस गया। जिसमें एक 6 महीने का बच्चा भी शामिल था। जो कि मिट्टी के नीचे दवा हुआ था।इन जवानों ने देवदूत बनकर परिवार और बच्चे को बचा लिया।

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2021 9:42 AM IST / Updated: May 26 2021, 04:11 PM IST
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तबाही मचाने लगा यास:मुश्किल घड़ी में NDRF टीम बनी देवदूत, मलबे में दबे 6 माह के बच्चे को बचा लाए

दरअसल, बालासोर में सुबह से ही तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते लोग अपने घरों बाहर नहीं निकल सके। ऐसे में एक कच्चे मकान की दीवार टूटकर गिर गईं और परिवार फंस गया। एनडीआरएफ टीम को जैसे ही जानकारी मिल तो वह फौरन मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद उनको निकालकर सरकारी स्कूल में बनाए गए  अस्थाई शेल्टर होम में पहुचाया गया।

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मौसम विभाग की तरफ से ओडिशा और बंगाल के कई जिलों में चेतावनी दी है।  पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में पानी भर चुका है। टीय जिलों में कई पुल टूट गए हैं। जिसके चलते गांव में पानी भरने लगा है। विद्याधारी, हुगली और रूपनारायण समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।

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खतरनाक रूप ले चुके यास तूफान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की करीब 100 टीमें साइक्लोन का सामना कर रही हैं। वह तटीय इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही हैं। जो जहां फंस गया है उसे वहीं से रेस्क्यू किया जा रहा है।

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मौसम विभाग के हाई अलर्ट जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों से अभी तक एनडीआरएफ टीम की तरफ से करीब 12 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। 

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कोलकाता में सेना के 9 बचाव दल लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। वहीं मेदिनीपुर में तैनात आर्मी की टीम ने पानी में फंसे 32 लोगों को रेस्क्यू कर बचाकर सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है।

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चक्रवात के खतरे के बीच कई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। कई हवाईअड्डा मंगलवार रात से बंद हैं जो कि गुरुवार शाम तक बंद रहेंगे। वहीं . दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है।

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