कहते हैं कि असंभव कुछ भी नहीं होता। कबाड़ की जुगाड़ से बनीं ये मशीनें यही बताती हैं। अकसर परेशानियों या मुसीबत के समय लोग थककर बैठ जाते हैं। लेकिन कुछ लोग इन समस्याओं से निपटने का तौर-तरीका निकाल लेते हैं। आइए हम ऐसे ही लोगों से मिलवाते हैं, जिनके आविष्कार चर्चा का विषय बन गए। इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वालों को भी जिन्होंने भौंचक्का कर दिया। सबसे पहले मिलवाते हैं यूपी के बांदा की नरैनी तहसील के गांव छतफरा के रहने वाले 23 वर्षीय विनय कुमार से। ये कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आए थे। मजदूर मां-बाप के बेटे ने ग्रेजुएशन किया है। लेकिन जॉब नहीं मिली, तो घर पर ही रहकर कामधंधा करने लगे। एक बार उनका ध्यान किसानों पर गया, जो अनाज छानने में परेशानी का सामना कर रहे थे। अनाज ठीक से साफ भी नहीं हो रहा था और समय भी ज्यादा लग रहा था। बस फिर क्या था.. विनय के दिमाग में आइडिया आया और उन्होंने कबाड़ में पड़े एक ड्रम, हैंडल और जाल की जुगाड़ से बड़ी छलनी बना दी। विनय की इस मशीन में गेहूं, चना, मूंग सहित अन्य फसल आसानी से साफ होती है। उनकी इस उपलब्धि पर विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद, लखनऊ ने 20 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया था। जानिए इसकी खूबी...