कोरोना से बचने लोग घरों में थे, तभी हिल उठी धरती...जब आता है भूकंप, तो छोड़ जाता है मौत का ऐसा भयानक मंजर

राजकोट/करीमगंज. कोरोना संक्रमण से बचने लोग घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं, वहीं बार-बार आ रहे भूकंप के झटके उन्हें अंदर सुकून से नहीं बैठने दे रहे हैं। गुरुवार सुबह गुजरात के राजकोट और असम के करीमगंज जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हिमाचल प्रदेश के ऊना में भी भूकंप का झटका महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की जानकारी के मुताबिक, राजकोट में 4.5 तीव्रता का सुबह 7.40, जबकि करीमगंज में 4.1 तीव्रता का सुबह 7.57 बजे झटका महसूस किया गया। ऊना में 2.3 तीव्रता का सुबह 4.47 बजे झटका आया। चूंकि इनकी तीव्रता कम थी, लिहाजा..जानोमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। बता दें कि गुजरात के भुज में 26 जनवरी, 2001 और पड़ोसी मुल्क नेपाल में अप्रैल 2015 में विनाशकारी भूकंप आया था। आइए देखते हैं इन दोनों भूकंप की पुरानी तस्वीरें, मकसद आपको अलर्ट करना है...

Asianet News Hindi | Published : Jul 16, 2020 4:03 AM IST / Updated: Jul 16 2020, 09:44 AM IST

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कोरोना से बचने लोग घरों में थे, तभी हिल उठी धरती...जब आता है भूकंप, तो छोड़ जाता है मौत का ऐसा भयानक मंजर

ये तस्वीरें 26 जनवरी, 2001 में गुजरात के भुज और कच्छ के अलावा अहमदाबाद में आए विनाशकारी भूंकप की हैं। 6.9 रिएक्टर की तीव्रता वाले इस भूकंप ने मानों गुजरात को हिलाकर रख दिया था। भुज और कच्छ बर्बाद हो गया था। आखिरी आंकड़े बताते हैं कि अकेले भुज और कच्छ में ही 12000 लोगों की मौत हो गई थी। घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए थे। इस त्रासदी में 167,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भुज और कच्छ में 400,000 से ज्यादा घर मिट्टी में मिल गए थे। आगे देखिए भुज भूकंप की कुछ और तस्वीरें

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भुज भूकंप: भूकंप सिर्फ 2 मिनट आया था, लेकिन इतने ही वक्त में मौत ने तांडव मचा दिया था। कच्छ-भुज में ही 12,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
 

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भुज भूकंप: एक साथ कई चिताएं जलते देखकर किसी को भी रोना आ सकता है, ये तो फिर उनके अपने थे।

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भुज भूकंप: 2 मिनट के भूकंप ने करीब 4 लाख घरों की नींव हिला दी थीं।

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भुज भूकंप: अनुमान लगाया गया था कि भूकंप से करीब 15 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।

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भुज भूकंप: कई लाशें तो ऐसी थीं, जिनकी पहचान तक नहीं हो पाई थी। उन्हें दूसरों ने अग्नि दी।

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भुज भूकंप: भूकंप के बाद पूरा देश गुजरात की मदद के लिए आगे आया था। जैसे आज वॉरियर्स जी-जान से लोगों को कोरोना से बचा रहे, तब घायलों की मदद कर रहे थे।
 

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भुज भूकंप:भूकंप ने कुछ ही सेकंड में बड़ी-बड़ी इमारतों को मिट्टी में मिला दिया था।

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भुज भूकंप: 2001 में आए भूकंप ने गुजरात को मानों जड़ से हिला दिया था। खासकर भुज तो जमींदोज हो गया था।

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भुज भूकंप:गुजरात को मरहम लगाने भारतीय सेना भी जी-जान से जुट गई थी।

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भुज भूकंप:मलबे में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए सेना की मदद ली गई थी।

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ये तस्वीरें नेपाल में अप्रैल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप की हैं। इस भूकंप में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। अनुमानत: 8000 से ज्यादा घर तबाह हो गए थे। कई धार्मिक और ऐतिहासिक इमारतें जमींदोज हो गई थीं। ऐसा लग रहा था, जैसे नेपाल मिट्टी में मिल गया हो। आगे देखिए नेपाल भूकंप के बाद की स्थिति दिखातीं कुछ तस्वीरें...
 

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नेपाल भूकंप: लोगों को अपनी जान बचाने का मौका तक नहीं मिला था।

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नेपाल भूकंप: खंडहरों में बदल गए थे अच्छे भले मकान।

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नेपाल भूकंप: इस तरह बर्बादी का मंजर दिखाई दे रहा था।

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नेपाल भूकंप:लोगों के लिए यह मंजर बेहद डरावना था।

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नेपाल भूकंप:कच्चे घर हों या पक्के..सब मटियामेट हो गए थे।

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नेपाल भूकंप:हर तरह ऐसे मंजर दिखाई दे रहे थे।

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नेपाल भूकंप:ऐसी बर्बादी नेपाल में पहली बार देखी गई थी।

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नेपाल भूकंप:भूकंप ने क्या इंसान और क्या भगवान..किसी का घर नहीं छोड़ा था।

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नेपाल भूकंप:मुर्दों की बस्तियों से दिखाई दे रहे थे मोहल्ले।

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नेपाल भूकंप:बहुमंजिला इमारतों का यह हाल हो गया था।

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नेपाल भूकंप:भूकंप के बाद भी घर यूं गिरते रहे।

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नेपाल भूकंप:इस तरह का मंजर दिखाई दे रहा था।

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नेपाल भूकंप:एक के ऊपर एक घर गिर पड़े थे।

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नेपाल भूकंप:लाशों को निकालने में ही लंबा समय लगा था।

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