मेरे साथ ही ऐसा हो गया...बूढ़ी मां के अपमान को देख फूट-फूट कर रोई फौजी की बेटी
मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी में 70 साल की महिला को डायन बताकर सार्वजनिक तौर पर जूतों की माला पहनाने और मुंह पर कालिख पोतने की घटना ने हड़कंप मचा दिया है। घटना का वीडियो तेजी से वायरल हुआ है। वीडियो में महिला की हालत देखकर परिजन छोड़िए, गैरों के भी आंसू निकल आए। अपनी मां के अपमान से बेटी को गहरा सदमा लगा है। पीड़िता तो गुमसुम-सी हो गई है। उसके आंखें सूख गई हैं, लेकिन भीतर तक खौफ से कंपनी मचा हुआ है। रह-रहकर घटना याद आते ही बुजुर्ग कांप उठती है। वो कभी चुपचाप दीवारों को देखती है, तो कभी सुबक पड़ती है। इस घटना के बाद से बेटी फूट-फूटकर रो पड़ती है। वो यही कह रही है-'अगर मेरी मां के साथ कोई बेटा होता, या पति होता, तो यह दिन देखने को नहीं मिलता।' इस शर्मनाक घटना ने पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना 6 नवंबर को सरकारघाट के समाहल गांव में हुई थी। मां-बेटी इस घटना के बाद से इतनी खौफ में हैं कि वे अपना घर-बार सब छोड़ने को तैयार हैं। बेटी ने रोते हुए कहा-'मां से बड़ी नहीं है प्रॉपर्टी, हम अब वहां नहीं जाएंगे, वो लोग मार देंगे।'
Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2019 12:25 PM IST / Updated: Nov 11 2019, 06:51 PM IST
हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से स्टेटस: इस मामले ने सरकार की खासी किरकिरी करा दी है। मामला शिमला हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में हफ्तेभर के अंदर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट ने पीड़ित को पुलिस सुरक्षा और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। (फोटो: मीडिया के सामने अपनी मां की तकलीफ बताते हुए फूट-फूटकर रो पड़ी उसकी बेटी तृप्ता)
सैनिक की विधवा के संग ऐसा दुर्व्यवहार: पीड़िता की बेटी ने रोते-रोते बताया कि उसके पिता आर्मी में थे। उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ा था। 37 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था। उनकी मां को सम्मान मिलना था, लेकिन लोगों ने उन्हें अपमानित किया।
दबंगों के आगे पुलिस भी मानों नतमस्तक: बिस्तर पर डरी-सहमी पड़ी 70 की वृद्धा को लोगों ने डायन कहकर सार्वनजिक अपमानित किया था। बेशक इस मामले में पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन दबंगों के आगे मानों प्रशासन भी नतमस्तक है। पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ गांववाले प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे। तब पुलिस को धारा-144 लागू करते हुए प्रदर्शनकारियों को जेल भेजने की चेतावनी देनी पड़ी। अब आरोपियों ने मां-बेटी को धमकियां देना शुरू कर दी हैं। इस शर्मनाक घटना का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब समाजसेवी संजय शर्मा पीड़िता से मिले, तो मां-बेटी की हालत देखकर खुद भी रो पड़े।
मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला: यह शर्मनाक मामला सोमवार को मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग तक पहुंच गया। इससे पहले पीड़िता की बेटी तृप्ता ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजी है। घटना के बाद से बुजुर्ग मानसिक रूप से टूट चुकी है। वो पागल-सी हो गई है। महिला का हमीरपुर के एक निजी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। महिला की बेटी का आरोप है कि धर्म की आड़ लेकर उसकी एक महिला रिश्तेदार मां की जमीन हड़पना चाहती हैं। वो मां को डायन बताकर मार डालना चाहती है। इस मामले में मांहूनाग देवता के स्वर्गीय पुजारी की बेटी निशा देवी उर्फ निशु और उसका भाई दीपक कुमार पुत्र बलवंत सिंह भी आरोपी बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश: इस घटना के दो वीडियो वायरल हुए थे। मामले की आंच जब सरकार तक पहुंची, तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सक्रिय हुए। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं होंगी। उन्होंने एसपी को घटना की जांच के आदेश दिए हैं। पीड़िता राज देवी का प्रॉपर्टी को लेकर पिछले डेढ़ दशक से अपने रिश्तेदारों से विवाद चल रहा है। महिला की दो बेटियां हैं। दोनों की शादी हो चुकी हैं। उसका एक दामाद डॉक्टर है, जबकि दूसरा शिमला हाईकोर्ट में वकील। पीड़िता पर इससे पहले भी हमले किए गए। उसके घर में आग लगाई गई। (फोटो-पीड़िता की बेटी तृप्ता को ढांढस बंधाते समाजसेवी संजय शर्मा, पीड़िता से मिलकर वे खुद भी रो पड़े)
अपने ही बने दुश्मन: पीड़िता की बेटी ने बताया कि वो लोग नाग देवता की पूजा करते हैं। उन्होंने विध-विधान से अपने घर में नाग देवता की मूर्ति स्थापित कराई है। इससे उनकी ननद नाराज है। वो एक देवता का रथ निकालती है। यह एक परंपरा है। इन लोगों ने उनकी मां पर 19 अक्टूबर को हमला किया था। इसके बाद 28 अक्टूबर को भी प्रताड़ित किया। लेकिन 6 नवंबर को भीड़ मां को घर से खींचकर ले गई और अपमानित किया। पीड़िता की बेटी ने रोते हुए बताया कि उसने उसके पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जब चौथी बार उसकी मां पर हमला हुआ, तो पुलिस ने शिकायत सुनने से मना कर दिया। पुलिस ने दो टूक कहा कि शिकायत करने थाने आना पड़ेगा। उसने ऑनलाइन शिकायत दर्ज करानी चाही, पर वो नहीं हुई। अगर पुलिस समय पर कार्रवाई कर लेती, तो ऐसा दिन नहीं देखना पड़ता। (फोटो-आरोपियों में 5 महिलाएं भी हैं)