'शाहीन बाग' को इस दूल्हे ने दिया कुछ यूं जवाब , CAA का सपोर्ट करने शादी में निभाई यह रस्म
सूरत, गुजरात. इन दिनों पूरे देश में CAA (Citizenship Amendment Act) के विरोध और समर्थन में रैलियां और धरना-प्रदर्शन चल रहे हैं। समर्थक और विरोधी दोनों ही अपने-अपने तौर-तरीकों से बात रख रहे हैं। खासकर, इन दिनों दिल्ली के शाहीन बाग के प्रदर्शन को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध करने के नये-नये तरीके निकाले जा रहे हैं। लेकिन यहां दूल्हा-दुल्हन ने CAA का समर्थन करने बेहद दिलचस्प तरीका निकाला। उन्होंने इसे मेहंदी रस्म से जोड़ दिया। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गौ संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों से प्रेरणा लेकर शादी में गायों को खास मेहमान बनाया। गायों को सजाया-संवारा गया। उनका विशेष सत्कार किया गया। दूल्हा रोहित और दुल्हन अभिलाषा की यह अनूठी शादी मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। दूल्हे ने इसकी वजह बताई,'कुछ राजनीति पार्टियां CAA को लेकर भ्रम फैला रही हैं। इसलिए मैंने लोगों को जागरूक करने यह तरीका अपनाया।' जानिए इस शादी में और क्या खास था...
दूल्हे ने मेहंदी रस्म को एक नया अंदाज दिया। उसने मेहंदी में CAA का समर्थन करती बात लिखवाई थी। दूल्हे ने कहा कि वो केंद्र सरकार द्वारा लाए नागरिकता कानून संशोधन(CAA) का समर्थन करते हैं।
दूल्हा-दुल्हन दोनों खाती-पीती फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। उनके कई बड़े लोगों से अच्छे रिश्ते हैं। बावजूद उन्होंने अपनी शादी में किसी को VIP गेस्ट बनाने के बजाय..गायों को तवज्जो दी।
जब रोहित बारात लेकर अभिलाषा के घर पहुंचे, तो कई लोग हैरान रह गए। दूल्हे की घोड़ी के आगे सजी-धजी गायें चल रही थीं। एक गाय और उसका बछड़ा भी आमंत्रित किया गया था।
यह शादी वैदिक परंपराओं के हिसाब से हुई। इसमें 130 ब्राह्मणों ने शादी सम्पन्न कराई। रोहित ने कहा कि वे अपनी संस्कृति को हमेशा जिंदा रखना चाहेंगे।
इस शादी में पर्यावरण संरक्षण का भी प्रचार किया गया। मेहमानों को मिट्टी के बर्तनों में खाना-पीना कराया गया।
शादी में कोई डीजे नहीं बजा। कोई विदेशी गीत-संगीत नहीं सुनाई दिया। बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गाने बजाए गए। शादी के कार्ड भी संस्कृत भाषा में छपवाया गया था।
रोहित ने कहा कि वे CAA का पूरा समर्थन करते हैं। जो लोग इसे लेकर भ्रम फैला रहे, उसको लेकर जागरूकता की जरूरत है।