नदी उफान पर..फिर भी लोग मौत से नहीं डर रहे, दो साल पहले यहीं दिख चुका है तबाही का मंजर

Published : Jul 06, 2020, 07:17 PM IST

जूनागढ़ (गुजरात). एक तरफ देश के कई राज्यों में लोगों का गर्मी से बुरा हाल है तो वहीं गुजरात के कुछ इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश कई गांवों पर खतर मंडराने लगा है। जहां बाढ़ और भूस्खलन जैसी समस्याएं भी शुरू हो गईं। तस्वीर में दिखाई दे रहा यह दृश्य गुजरात के ऊना जिले की मछुन्द्री नदी का है, जहां यह नदी शुरूआती दिनों में ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लेकिन इसके बावजूद भी लोगों की लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिल रही है। नदी उफान पर है, फिर भी वह अपनी जान की परवाह किए बिना नदी को पार कर रहे हैं। दो दिन में यहां 10 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।  

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नदी उफान पर..फिर भी लोग मौत से नहीं डर रहे, दो साल पहले यहीं दिख चुका है तबाही का मंजर

दरअसल, ऊना जिले के देलवाडी से सैयदपुरा के बीच मछुन्द्री नदी पर यह पुल पड़ता है। जो करीब 20 गांवों को जोड़ता है, ग्रामीणों इसी रास्ते से शहर तक जाते हैं। बता दें कि पिछले साल इसी नदी में बाढ़ आ गई थी, जिससे कई गांव जलमग्न हो गए थे। इस साल शुरुआत में ही बारिश से नदी ओवरफ्लो बहने लगी है, खतरा मंडराने लगा है। 

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बता दें कि गुजरात के सौराष्ट्र में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। जूनागढ़ और द्वारकानगरी में दो दिनों में ही 10 इंच पानी गिर चुका है। जिले की कई नदियां लबालब हो गई हैं। गिर फॉरेस्ट के पास से बहने वाली रावल नदी भी उफान पर है, जिससे सनखडा और दुधाला गांव संपर्कविहीन हो गए हैं। 
 

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नदियां उफान पर हैं, फिर भी लोगों की आवाजाही जारी है। तस्वीर  में आप देख सकते हैं कि किस तरह युवक जान की परवाह किए बिना बाइक को ले जा रहा है। जबकि नदी खतरे के ऊपर से बह रही है।

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तस्वीर में आप लोगों की लापरवाही देख सकते हैं। वह अपनी जान खतरे में डालकर नदी को पार कर रहे हैं।

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