गुजरात में बच्चे हो या बूढ़े या महिलाएं सब के हाथ में इस दिन पतंग और माझा होता है। हालांकि हर बार की तरह इस साल यह त्यौहार फीका सा नजर आ रहा है। जहां बाजारों में भी चमक-दमक नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि लोगों ने अपने-अपने घरों में मैथी की पूड़ी, दही-बड़े, फूलवडी, खीचड़ा, कचौरी, फाफड़ा करके छतों पर पहुंच गए हैं। जहां पत्नी माझे को पकड़े ढील दे रही है तो पति पतंग को आसमान में परिदों की तरह उड़ाए जा रहा है।