अहदमाबाद. पूरे देश में मकर संक्रातिं और पतंबबाजी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन गुजरात में इस फेस्टिवल की बात ही कुछ अलग है। जहां पतंगबाजी एक जश्न की तरह मनाया जाता है। हालांकि इस बार कोरोना की गाइड लाइन के चलते लोग मैदानों या सड़कों पर नहीं आकर अपनी-अपनी छतों पर पतंग उड़ाकर लुत्फ उठा रहे हैं। जहां सभी की छतों पर पतंग हैं, चरखे हैं, पेच लड़ने-लड़ाने की बातें हैं और ये काटा-वो काटा की आवाजें सुनाई दे रही हैं।