बता दें कि जब सौम्या 16 साल की थीं, तब उनके सुनने की क्षमता 90 प्रतिशत चली गई थी। तब उन्हें गहरा सदमा लगा था। लेकिन फिर उन्होंने खुद को संभाला। सबसे बड़ी बात, उन्होंने कभी भी किसी एग्जाम फॉर्म में डिसएबल कैटेगरी नहीं चुनी। सौम्या बगैर हीयरिंग एड के न के बराबर ही सुन सकती हैं। सौम्या ने दिल्ली के नेशनल लॉ स्कूल से लॉ किया है। जब वे इसके अंतिम वर्ष का एग्जाम दे रही थीं, तभी उन्होंने यूपीएससी एग्जाम में बैठने की सोच ली थी।