नई दिल्ली. पड़ोसी मुल्क चीन ने दोस्ती की आड़ में पीठ में छुरा घोंपने (UnmaskingChina ) का काम किया है। उसने हिंदी-चीनी भाई-भाई की भावना को लहूलुहान किया है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15/16 जून की रात चीन और भारत की सेना के संघर्ष (India China dispute) में भारत ने अपने 20 जवानों को खोया। वहीं, चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। हालांकि चीन इसकी पुष्टि कभी नहीं करेगा। भारत की बढ़ती ताकत चीन को हजम नहीं हो रही है। कोरोना वायरस को लेकर सारी दुनिया चीन पर उंगुली उठा रही है। इसे लेकर भी वो बौखलाया हुआ है। यह सही है कि 1962 के युद्ध में चीन की सैन्य शक्ति भारत से ज्यादा थी। इसका भारत को नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन भारतीय सेना ने जिस पराक्रम का परिचय दिया था, वो इतिहास बन गया है। आज की स्थिति में भारत हम मुकाबले में चीन को धूल चटाने में सक्षम है। देखिए 1962 के युद्ध के दौरान की कुछ तस्वीरें और पढ़िए एक रियल हीरो की कहानी..