स्कूबा डाइनिंग के जरिये देख सकते हैं द्वारकापुरी: बेशक द्वारकापुरी अब पूरी तरह खंडित हो चुकी है, लेकिन इसके अवशेषों को देखने का उत्साह हमेशा लोगों में रहा है। द्वारकापुरी समुद्र में 60-80 फीट नीचे है। यहां स्कूबा डाइविंग के जरिये पहुंचा जा सकता है। द्वारकापुरी के अवशेष अब भी समुद्र के नीचे मौजूद हैं। इनमें विशाल प्रतिमाओं के अवशेष, जंगली जानवरों की आकृतियां, बड़े-बड़े द्वार और स्तंभ शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि द्वारकापुरी भारत के 7 प्राचीन शहरों में शुमार है। बाकी शहर हैं-मथुरा, काशी, हरिद्वार, अवंतिका, कांचीपुरम और अयोध्या। द्वारका को ओखा मंडल, गोमतीद्वार, आनर्तक, चक्रतीर्थ, अंतरद्वीप, वारीदुर्ग आदि नामों से भी जाना जाता रहा है। बहरहाल, स्कूबा डाइविंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑसिनोग्राफी-गोवा से परमिशन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बताते हैं कि सितंबर से अप्रैल तक सैकड़ों लोग यहां स्कूबा डाइविंग के लिए आते हैं।