दिल्ली. कोरोना संक्रमण ने सारी दुनिया के हालात खराब किए हैं। क्या अमीर-गरीब और क्या बड़े-बूढ़े..सब इसकी चपेट में आए। संक्रमण को काबू में लगाए गए लॉकडाउन के बाद देश में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिले। काम-धंधा बंद होने से लाखों प्रवासी मजदूर और उनके परिवार निराश होकर अपने-अपने घरों को लौट पड़े। यातायात की सुविधाएं बंद होने से हजारों लोगों को पैदल ही अपने घरों की ओर जाते देखा गया। इनमें गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, मासूम बच्चे, बीमार लोग भी शामिल थे। इनकी तमाम तस्वीरें मीडिया में सामने आईं। लेकिन इसी भीड़ में कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे दिव्यांग लोग भी। कुछ बैसाखियों या छड़ी के सहारे, तो कुछ ट्राइसाइकिल पर। कुछ पैरों से लाचार थे, तो कुछ हाथों से। कुछ देख नहीं सकते थे, तो कई अन्य शारीरिक कमजोरियों का शिकार। लेकिन उनके हौसले नहीं डिगे। वे चलते रहे। ये तस्वीरें बेशक भावुक करती हैं, लेकिन यह भी दिखाती हैं कि इंसान से बड़ी ताकत दुनिया में कोई नहीं। ये तस्वीरें हम सबको सबक देती हैं कि मुसीबतों से डरे नहीं, लड़ें...
कहते हैं कि एक तस्वीर हजार शब्द कह देती है। यह तस्वीर मुंबई की है। लॉकडाउन के बीच अपने घर के सफर पर निकला यह दिव्यांग हौसलों की कहानी कहता है।
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यह तस्वीर इलाहाबाद की है। लॉकडाउन में चक्रवाती तूफान के बीच आगे बढ़ता एक दिव्यांग।
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यह तस्वीर इलाहाबाद की है।
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यह तस्वीर इलाहाबाद की है। बैसाखियों के सहारे अपने घर को निकला युवक।
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यह तस्वीर महाराष्ट्र के ठाणे की है।
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पहली तस्वीर यूपी के इलाहाबाद की है। मुस्कराते हुए अपने घर निकला यह युवक मुसीबतों को हंसकर झेलने की सीख देता है। वहीं दूसरी तस्वीर नई दिल्ली की है। ये दम्पती आंखों से देख नहीं सकते।