महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, चार धाम के कपाट खोलने का ऐलान..जानिए क्या हैं तारीख

देहरादून (उत्तराखंड). महाशिवरात्रि के अवसर पर चारधाम की यात्रा करने वाले देश के श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर सामने आई है। गरुवार को हुई चारधाम देवस्थानम बोर्ड की मीटिंग में यह तिथि निर्धारित की गई। उत्तराखंड प्रदेश में स्थित चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोलेने की तारीख की घोषणा कर दी गई है। बता दें कि हर साल केदारनाथ के कपाट खोलने की तारीख का ऐलान किया जाता है। बता दें कि बदरीनाथ धाम पिछले साल 19 नवंबर को बंद हुए थे, बदरीनाथ सहित चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद हो जाते हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2021 11:00 AM IST / Updated: Mar 11 2021, 04:46 PM IST
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महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, चार धाम के कपाट खोलने का ऐलान..जानिए क्या हैं तारीख

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाने का मुहूर्त निकाला गया है। जिसके तहत 17 मई, सोमवार, की सुबह 5 बजे खोले जाएंगे। जबकि उत्तराखंड के तीन अन्य धाम बद्रीनाथ के कपाट 18 मई को और गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 14 मई को खोले जाएंगे।

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देवस्थानम् बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ की चल विग्रह डोली 14 मई को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम की ओर प्रस्थान करेगी। 14 मई को फाटा, 15 मई गौरीकुंड, 16 मई की शाम डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी। जिसके बाद 17 की सुबह मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। ( बद्रीनाथ घाम)

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 कपाट खोलने की तारीख तय करने के साथ ही चारों धाम के पुजारी भी नियुक्त किए गए। केदारनाथ धाम के पुजारी  बागेश लिंग को होंगे। वहीं मदमहेश्वर मंदिर में शिवलिंग स्वामी नियुक्त किए गए। तो विश्वनाथ मंदिर में शशिधर लिंग और ओंकारेश्वर मंदिर में गंगाधर लिंग को पुजारी नियुक्त किया गया।  कपाट खोलने की तारीख का ऐलान करने से पहले पूजा वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने की। इस दौरान ओंकारेश्वर मंदिर में रावल भीमांशंकर लिंग भी उपस्थित थे।  (गंगोत्री धाम)

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शिवपुराण के कोटीरुद्र संहिता के अनुसार बताया जाता है बद्रीवन में विष्णुजी के अवतार नर-नारायण ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिवजी ने उनसे वरदान मांगने के लिए कहा। जिसके बाद नर-नारायण ने वर मांगा कि शिवजी हमेशा इसी क्षेत्र में रहें। शिवजी ने यहीं रहने का वर दिया और कहा कि ये जगह केदार क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध होगी। इसके बाद शिवजी ज्योति स्वरूप में यहां के शिवलिंग में समा गए। (यमुनोत्री धाम)

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मई के महीने स आधिकारिक रूप में शुरू हो रहे चार धाम यात्रा के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। कोरोना वायरस के फिर से आ रहे मामलों को देखते हुए प्रशासन ने गाइडलाइन बनाने में जुट गया है। आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और वे शांति पूर्वक एवं आराम से दर्शन कर वापस लौटे। (केदारनाथ धाम)

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