गुवाघाटी (असम). कहते हैं कि जज्बा और जुनून हो तो हर मुश्किल राह भी आसान लगने लगती है। बस आपके इरादे मजबूत होना चाहिए। ऐसी ही एक कहानी कोरोना काल में सामने आई है असम की 21 साल की प्रिंसी गोगोई की, जो आज दूसरों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। बचपन से उनके दोनों हाथ नहीं हैं, फिर उनका हौसला कम नहीं हुआ और अपने पैरों को हाथ बनाकर सब कुछ सीख लिया। वह इस समय गुवाहाटी के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में जॉब करती हैं, जो भी उनको देखता है बस देखता ही रह जाता है। आइए जानते हैं दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुकी दिव्यांग प्रिंसी की कहानी...