महिला के पति सत्येंद्र ने बताया कि फैक्ट्री बंद होने के बाद उसका परिवार भूखों मरने लगा था। कोई मदद को तैयार नहीं था। वैसे भी मदद किससे मांगते..हर कोई तो परेशान है। ऐसे में वापस घर जाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। सत्येंद्र ने कहा कि जैसे-तैसे घर पहुंच ही जाएंगे। आगे देखिए बेबस मांओं और मायूस मासूमों की कुछ तस्वीरें..