आंगन में पड़ी थी मां की लाश..फिर भी कोरोना के मरीजों को बचाने ड्यूटी पर गया डॉक्टर बेटा..

Published : Mar 23, 2020, 07:49 PM ISTUpdated : Mar 23, 2020, 08:05 PM IST

ओडिशा. देश में जहां रोज मानवता को शर्मसार कर देने वाले मामले सामने आ रहे हैं। इसी बीच ओडिशा में एक इंसानियत को सलाम करने वाली खबर सामने आई है। जहां एक डॉक्टर बेटा अपनी मां के निधन के बाद भी कोरोना के मरीजों को बचाने और उन्हें इससे सतर्क करने के लिए ड्यूटी पर पहंचा था। जिस किसी को उनके बारे में पता चला वह उनकी इस जिंदादिली को सलाम कर रहा था। सब यही बोल रहे थे डॉक्टर साहब हमे आप पर गर्व है।

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आंगन में पड़ी थी मां की लाश..फिर भी कोरोना के मरीजों को बचाने ड्यूटी पर गया डॉक्टर बेटा..
दरअसल, यह मामला है उड़ीशा के संबलपुर जिले का है। जहां के सहायक संभागीय चिकत्सा अधिकारी डॉक्टर अशोक दास की 80 साल की मां का 17 मार्च को निधन हो गया था। शोक जताने के लिए आसपास के लोग और रिश्तेदार उनके घर पर पहुंच चुके थे। इसी दौरान उनकी अस्पताल से फोन आ गया और वह कोरोना के मरीजों का इलाज करने और उनको इससे बचने के लिए ड्यूटी पर पहुंच गए।
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ड्यूटी करने के बाद जब शाम को डॉक्टर अशोक दास घर पहुंचे तब उन्होंने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया। यह सीन देखने लायक था, उनके घरवाले देखकर हैरान थे और यही बोल रहे थे कि हर कोई आपस नहीं होता डॉ. साहब।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब अशोक दास से इस बारे में बात की गई कि तो उन्होंने बताया कि इस वक्त व्यक्तिगत छुट्टी लेने से ज्यादा ज़रूरी अपना ड्यूटी करना है। इसलिए मैंने भी वही किया जो एक मानवता के नाते करना चाहिए।
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ऐसे लोगों के लिए ही तो देश के प्रधानमंत्री ने रविवार के दिन शाम 5 बजे अभिवादन करने के लिए जनता से आग्रह किया था। जिसका सहयोग पूरे देश ने थाली-शंख बजाकर पूरा किया।
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ओडिसा में ऐसा ही एक मिसाल कायम करने वाला मामला कुछ दिन पहले भी आ चुका है। जब एक आईएएस अफसर निकुंज धल अपने पिता का निधन के 24 घंटे के भीतर ही ड्यूटी पर लौट गए थे।

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