चंडीगढ़. कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से दिल्ली के बॉर्डर पर जमे पंजाब के किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है। बेशक पहले 28 नवंबर तक आंदोलन की घोषणा की गई थी, लेकिन सोमवार को इसका पांचवां दिन है। केंद्र सरकार ने दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैठे किसानों को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सशर्त बुराड़ी ग्राउंड पर बैठने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन इसे आंदोलनकारियों ने ठुकरा दिया। इसके बाद सरकार आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए नई प्लानिंग कर रही है। इससे पहले सरकार 3 दिसंबर को बातचीत का न्यौता दे चुकी है। किसान नेताओं ने कहा कि बुराड़ी मैदान ओपन-जेल जैसा है। इसलिए वे वहां नहीं जाएंगे। किसानों ने ऐलान किया है कि वे दिल्ली से लगते सिंघु-टिकरी के साथ ही दिल्ली-जयुपर, गाजियाबाद और मथुरा सीमा को भी जाम करेंगे। वहीं, अब एक दिसंबर से देशभर में आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इस बीच बीकेयू क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि सरकार से वार्ता के लिए 7 सदस्यों का संयुक्त मोर्चा बनाया गया है। उन्होंने आंदोलन में राजनीतिक दलों के प्रवेश पर रोक लगा दी। इस बीच पुलिस ने सिंधु और टिकरी बॉर्डर को बंद कर दिया है। गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर भी सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। अब माना जा रहा है कि सरकार बिना शर्त के किसानों से बातचीत करेगी। गुरुनानक जयंती पर किसानों ने सड़कों पर अरदास की। आगे देखें आंदोलन की कुछ तस्वीरें...