नई दिल्ली. संजय गांधी का 14 दिसंबर को जन्मदिन है। इंदिरा के बेटे संजय गांधी की छवि भारत की राजनीति में कड़े फैसले लेने वाली रही है। यह और बात है कि आपातकाल के दौरान लिए गए उनके फैसले गांधी फैमिली के लिए निंदा का कारण बने। यहां तक कि इंदिरा गांधी को अपनी सरकार तक गंवाना पड़ी। इलेक्शन में जनता पर उतना प्रभाव भाषणों का नहीं पड़ता, जितना छोटे-छोटे नारों का होता है। बात इमरजेंसी के दौरान की है। 25 जून, 1975 को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया था। इस दौरान उनके छोटे बेटे संजय गांधी ने जनसंख्या पर काबू करने 62 लाख पुरुषों की जबर्दस्ती नसबंदी करा दी थी। इस ऑपरेशन में करीब 2 हजार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद के चुनावों में विपक्ष ने एक नारा दिया था- 'जमीन गई चकबंदी में, मकान गया हदबंदी में, द्वार खड़ी औरत चिल्लाए, मेरा मरद गया नसबंदी में!' इसी नसबंदी अभियान के चलते जनता ने 1977 में इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल कर दिया था। देखिए इंदिरा गांधी और संजय गांधी की कुछ पुरानी तस्वीरें...