कोलकाता. दिवाली के दूसरे दिन मनाए जाने वाला 'भाई दूज' का पर्व प्यार और विश्वास की अनूठी कहानी सुनाकर रवाना हुआ। यह पर्व देशभर में अपने अलग-अलग अंदाज में मनाया गया। लेकिन उद्देश्य यही था कि भाई निरंतर तरक्की करे, उसकी जिंदगी में हंसी-खुशी बनी रहे। भाई दूज की परंपरा बहुत पुरानी है। कहीं-कहीं यह पर्व नदियों को साथ लेकर मनाया जाता है। देशभर की जेलों में भी भाई दूज पर बहनों की काफी भीड़ रही। अपने भाइयों से मिलने बड़ी संख्या में बहनें पहुंचीं। भाई दूज से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। आइए देखते हैं कुछ तस्वीरें कि कहां कैसे मना भाई दूज..