शादियां तो बहुत देखी होंगी, लेकिन क्या किसी ऐसे विवाह में शामिल हुए हैं आप

शादी एक ऐसा समारोह होती है, जिसे हर परिवार यादगार बनाना चाहता है। हर मां-बाप अपनी हैसियत के हिसाब से शादी के खर्चे-पानी का इंतजाम करते हैं।  घरातियों और बरातियों की आव-भगत के लिए बेहतर इंतजाम करते हैं, लेकिन अब कुछ शादियां इन सबसे हटकर हो रही हैं। ये वो शादियां हैं, जो फिजूल खर्ची से दूर रहकर भी यादगार बन गईं या बनने जा रही हैं। इन शादियों ने न सिर्फ अमीरी-गरीबी के भेद को मिटाया, बल्कि भारतीय संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक संरचना को और अधिक सुदृढ़ बनाया। आइए..हम आपको कुछ ऐसी ही शादियों के बारे में बताते हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2020 7:11 AM IST
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शादियां तो बहुत देखी होंगी, लेकिन क्या किसी ऐसे विवाह में शामिल हुए हैं आप
यह शादी गुजरात के सूरत में 3 फरवरी को होने जा रही है। इस शादी में गोसरंक्षण को महत्व दिया गया है। शादी के लिए संस्कृत में निमंत्रण पत्र छपवाए गए हैं। वहीं रीति-रिवाज वैदिक तरीके से होंगे। इसमें गाय के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी। दूल्हा रोहित कुमार बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी कर रहे हैं। वहीं दुल्हन अभिलाषा चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। दोनों मूलत: राजस्थान से हैं। शादी में मिट्‌टी के 5000 ग्लास रखे जाएंगे। मकसद पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लोगों को जागरूक करना। आगे पढ़ें पंजाब के बठिंडा में शादी समारोह में लगा किताबों का स्टॉल...
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यह शादी बठिंडा में हुई थी....पंजाब की शादियां हमेशा से ही यादगार रही हैं। मगर बठिंडा की यह शादी सबसे ज्यादा यादगार रहेगी। इस शादी में किताबों का एक स्टॉल लगाया गया था। यह स्टॉल तर्कशील सोसायटी बठिंडा की ओर से मास्टर ज्ञान सिंह, रणधीर सिंह व सुखविंदरपाल विर्क ने लगाया था। यहां से खुद दूल्हा-दुल्हन ने 8 किताबें खरीदीं। इसके साथ ही दूल्हा-दुल्हन ने नशे के खिलाफ अलख जगाने एक नाटक भी खेला। उल्लेखनीय है कि पंजाब और समीपवर्ती राज्यों में इस समय ड्रग्स माफिया फैला हुआ है। इसके खिलाफ सरकार लगातार एक्शन ले रही है। बठिंडा के गांव मेहता दुल्हन परमिंदर कौर पुत्री जगजीत की शादी बरनाला के रहने वाले परमिंदर सिंह पुत्र अवतार सिंह के साथ हुई थी। यह कार्यक्रम गांव गही बुट्टर के मैरिज पैलेस में हुई थी। दूल्हा बरनाला में ही लोक निर्माण विभाग में क्लर्क है। दुल्हन के पिता पॉवरकॉम में नौकरी करते हैं। ये यूनियन लीडर भी हैं। ताज्जुब की बात है कि दूल्हा ग्रेजुएट है, जबकि दुल्हन पोस्ट ग्रेजुएट।
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यह शादी पंजाब के फगवाड़ा में हुई...यहां भाजपा नेता सुनील चम का बेटा कशिश फिजूल खर्ची रोकने दुल्हन को बाइक पर विदा कराके ले गया था। कशिश ने अपनी दुल्हन तानिया के सामने सुझाव रखा कि क्यों न वे बुलेट बाइक पर बैठकर मंडप तक जाएं। कशिश का यह प्लान दुल्हन को बहुत पसंद आया। दुल्हन ने कहा कि उनके दूल्हे ने जिस तरह से उनका दिल जीता, उसमें उन्हें दिल हारने में मजा आया। इस तरह बुलेट को सजाकर दूल्हा-दुल्हन मंडप तक पहुंचे। रास्तेभर दुल्हन मुस्कराती रही। कशिश की मां प्रवीन ने बताया कि उनके बेटे को बाइक राइडिंग का बड़ा शौक है। वो अपना यह शौक शादी पर भी पूरा करना चाहता था। कशिश ने कहा कि वो फिजूलखर्ची के खिलाफ भी लोगों को संदेश देना चाहता था। उसे अच्छा लगा कि मेहमानों को उसका आइडिया पसंद आया।
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यह शादी पंजाब के संगरूर में हुई थी...यहां दूल्हा अपनी ड्रीम गर्ल को स्कूटर पर बैठाकर ले गया। दूल्हा नवजोत सिंह के स्कूटर पर बैठी दुल्हन सुखवीर कौर ऐसी विदाई पर खुश थी। सुखवीर ने बताया कि जब नवजोत ने स्कूटर पर विदाई की बात कही, तो पहले थोड़ा अजीब लगा था। हालांकि जब बताया गया कि नवजोत फिजूल खर्ची के खिलाफ हैं, तो यह जानकार उन्हें अच्छा लगा।
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यह शादी हिमाचल प्रदेश के मंडी में हुई थी। भारतीय लड़कियों के मन में सास-ससुर की छवि को लेकर बहुत सी धारणाएं होती हैं। लेकिन हिमाचल में एक सास-ससुर ने अपनी विधवा के जीवन में खुशहाली लाने के लिए ऐसी मिसाल पेश की। दरअसल, मंडी जिले के सरकाघाट के बुजुर्ग संतोषी देवी और ब्रह्मदास ने अपनी 31 साल की विधवा बहू की दूसरे युवक से शादी करवा दी। यही नहीं सास-ससुर ने बहू को बेटी मानकर उसका शुक्रवार के दिन कन्यादान भी किया। बुजुर्ग दंपति की इस दरियादिली से हर कोई सलाम कर रहा है। बता दें कि ब्रह्मदास ने डेढ़ साल पहले एक सड़क हादसे में अपने बेटे को खो दिया था। जिसके बाद से उनकी बहू चुपचाप रहने लगी थी। लेकिन बुजुर्ग दंपति को उसका अकेला पन नहीं देखा गया और उन्होंने उसकी फिर से शादी कराने का सोचा। वह कहते हैं कि जो विधाता को मंजूर था वो उसने किया। अब हम क्यों इस बेटी की जिंदगी बर्बाद करें।
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