जानिए दुनिया में क्यों खास है 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' और इसके निर्माण से पहले कितनी रिसर्च हुई थीं

Published : Oct 31, 2020, 09:37 AM ISTUpdated : Oct 31, 2020, 10:02 AM IST

अहमदाबाद, गुजरात. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गुजरात दौरे पर शनिवार को लौह पुरुष सरदार पटेल की 145वीं जयंती (Sardar Patel Jayanti) पर 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' (Statue of Unity) पर जाकर उन्हें पुष्प चढ़ाकर नमन किया। बता दें कि 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' दुनिया की ऐसी विशाल मूर्ति है, जिसका निर्माण महज 33 महीने में पूरा हो गया था। यह मूर्ति 182 मीटर है। इसे दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ति होने का गौरव हासिल है। इस मूर्ति की स्थापना से पहले पटेल के हाव-भाव जानने करीब 2 हजार फोटो पर रिसर्च की गई थी। एक दिलचस्प बात और कि  'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' से जुड़े 21 प्रोजेक्ट में से अब तक 17 पूरे किए जा चुके हैं। यह मूर्ति विश्व प्रसिद्ध शिल्पकार राम सुतार ने डिजाइन की। वहीं इसका मूर्तरूप दिया लार्सन एंड टुब्रो कंपनी ने। सरदार पटेल की जयंती पर जानिए  'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' की खासियत...  

PREV
18
जानिए दुनिया में क्यों खास है 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी'  और इसके निर्माण से पहले कितनी रिसर्च हुई थीं

'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' के निर्माण में 109 मीट्रिक टन लोहे के इस्तेमाल किया गया। इसके लिए देशभर के करीब 5 लाख किसानों ने 135 मीट्रिक टन खेती-किसानी के पुराने औजार दान में दिए थे।
 

28

मोदी ने गुजरात के सीएम रहते हुए 7 अक्टूबर 2010 को अहमदाबाद में इस स्मारक के निर्माण की घोषणा की थी। 31 अक्टूबर 2013 इस पर काम शुरू हुआ और 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर पीएम मोदी ने इसका उद्घाटन किया।

38

प्रतिमा के निर्माण पर करीब 2989 करोड़ खर्चा आया। इसमें 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कन्क्रीट और 2000 टन कांसे का उपयोग हुआ। वहीं, 6 हजार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हजार 500 टन सरिये भी लगाए गए। इसे 12 किमी इलाके में बनाए गए तालाब में स्थापित किया गया।

48

मूर्ति के डिजाइनर महाराष्ट्र के शिल्पकार राम सुतार हैं। 93 साल सुतार ने छत्रपति शिवाजी का स्टेच्यू भी डिजाइन किया है, जो मुंबई के समुद्र में कृत्रिम टापू पर स्थापित होना है। सुतार जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, मौलाना अबुल कलाम आजाद, महाराजा रणजीत सिंह, शहीद भगतसिंह और जयप्रकाश नारायण की मूर्तियां भी बना चुके हैं। 

58

यह है 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' की विशेषता
-यह 6.5 तीव्रता का भूकंप का झटका सह सकती है। इस पर 220 किमी की स्पीड का तूफान भी असर नहीं करेगाञ
-मूर्ति को जंग नहीं लगेगी, क्योंकि इसमें 85% तांबे का उपयोग किया गया है।
-प्रतिमा में दो लिफ्ट लगाई गई हैं। यानी पर्यटक मूर्ति के सीने के हिस्से में खड़े होकर बाहर का नजारा देख सकते हैं। इसमें एक साथ 200 लोग खड़े जो सकते हैं।
 

68

बता दें कि गुजरात के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को सरदार पटेल की 145वीं जयंती पर केवडिया में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। आगे देखें केवडिया में स्थापित जंगल सफारी की कुछ तस्वीरें..

78

केवडिया को दुनिया का एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में मोदी ने शुक्रवार को 1000 करोड़ रुपए के 16 प्रोजेक्ट लांच किए। इस मौके पर उन्होंने जंगल सफार की उद्घाटन भी किया।
 

88

जंगल सफारी के उद्घाटन के अवसर पर मोदी तोतों के साथ खेलते दिखे।
 

Recommended Stories